
नई दिल्ली. Delhi Air Pollution: दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण ने एक नया रिकॉर्ड कायम करते हुए इस सीजन में पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचा दिया। राजधानी का AQI 418 के खतरनाक स्तर तक पहुँच गया, जो कि पिछले दिन के 334 से काफी अधिक था। इससे दिल्ली की हवा में घातक प्रदूषण के खतरे को और भी गंभीर बना दिया है।
कोहरे और नमी ने बढ़ाया प्रदूषण का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, इस प्रदूषण के बढ़ने का मुख्य कारण दिल्ली में असाधारण रूप से घना कोहरा और उच्च वायु नमी है। इसे एक “विशेष घटना” के तौर पर देखा गया है, जो प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा रहा है। इस प्रदूषण के परिणामस्वरूप, दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ गई है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।
वाहन उत्सर्जन और PM कणों की भूमिका
दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण इस समय वाहनों से होने वाला उत्सर्जन है, जो कुल प्रदूषण का लगभग 13.3% जिम्मेदार है। साथ ही, PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण हवा में समाहित होकर गहरी सांसों के साथ शरीर में प्रवेश कर रहे हैं, जो फेफड़ों और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
‘गंभीर’ प्रदूषण के बाद GRAP के तहत सख्त उपाय
दिल्ली में वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिससे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत सख्त प्रतिबंधों की संभावना जताई जा रही है। इनमें निर्माण कार्यों पर रोक, और BS-III पेट्रोल व BS-IV डीजल वाहनों के संचालन पर पाबंदी जैसी सख्त कार्रवाई शामिल हो सकती है।
दिल्ली और बिहार में प्रदूषण की स्थिति
CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के 36 निगरानी केंद्रों में से 30 ने ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की। इस बीच, बिहार के हाजीपुर ने 417 AQI के साथ दूसरे स्थान पर स्थान बनाया। दिल्ली का प्रदूषण इतना गंभीर है कि कुछ क्षेत्रों में दृश्यता शून्य तक पहुँच गई, जिससे दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ानें भी डायवर्ट करनी पड़ीं।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक PM2.5 के संपर्क में रहने से फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है। इन सूक्ष्म कणों से कोशिकाओं में उत्परिवर्तन (mutation) हो सकता है, जो बाद में अनियंत्रित रूप से बढ़ते हैं। इसके अलावा, इन कणों का लगातार संपर्क अस्थमा और दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
क्या है उम्मीद?
मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए उम्मीद जताई है कि तेज हवाओं के कारण प्रदूषण का स्तर कुछ हद तक कम हो सकता है। हालांकि, फिलहाल दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के आसार कम नजर आ रहे हैं।
कितना एक्यूआई, कैसा माना जाता है
- 0 से 50 को ‘अच्छा’ माना जाता है।
- 51 से 100 को ‘संतोषजनक’।
- 101 से 200 को ‘मध्यम’।
- 201 से 300 को ‘खराब’।
- 301 से 400 को ‘बहुत खराब’।
- 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर को ‘गंभीर प्लस’ की श्रेणी में डाला जाता है।
