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Vande Bharat sleeper trains: क्या वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस से बेहतर हैं? जानिए यहां

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Vande Bharat Sleeper Train
Vande Bharat Sleeper Train
नई दिल्ली. Vande Bharat sleeper trains: भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को पेश करने की योजना बना रहा है, जो धीरे-धीरे राजधानी एक्सप्रेस की जगह लेंगी। राजधानी, जो लंबे समय से देश की प्रमुख स्लीपर ट्रेन रही है, अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन से प्रतिस्थापित होगी। ये नई ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस से कहीं अधिक उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जैसे बेहतर गति, आराम, और अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय।  तो क्या वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें सचमुच राजधानी एक्सप्रेस से बेहतर हैं? आइए, जानते हैं:
1. वंदे भारत स्लीपर: अधिक आराम और सुविधाएं
वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें अपने बेहतर कुशनिंग वाले बर्थ के लिए प्रसिद्ध हैं, जो यात्रियों को रातभर आरामदायक नींद प्रदान करती हैं। इन बर्थ्स का डिज़ाइन आधुनिक है, और ऊपर और मध्य बर्थ तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ दी गई हैं, जिससे सफर करना और भी सुविधाजनक हो जाता है।
इसके अतिरिक्त:
  • बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स: टच-फ्री फिटिंग्स के साथ, अधिक स्वच्छता और सुविधा।
  • एसी फर्स्ट क्लास कोच में शॉवर क्यूबिकल: प्रीमियम यात्रा का अनुभव।
  • स्वचालित दरवाजे और इंटरकनेक्टिंग दरवाजे: स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी को और भी सुविधाजनक बनाते हैं।
  • सील किए गए गैंगवेज: धूल-मुक्त वातावरण और बेहतर एयर कंडीशनिंग।
2. वंदे भारत स्लीपर: सुरक्षा में भी बदलाव
वंदे भारत स्लीपर में सुरक्षा सुविधाओं का स्तर राजधानी एक्सप्रेस से कहीं अधिक है। इसमें ऑस्टेनिटिक स्टील से बने साइड वॉल्स, छत, और फ्लोर शीट्स हैं, जो इसे अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाते हैं। इसके अलावा, क्रैश प्रोटेक्शन और आग सुरक्षा के अत्याधुनिक उपाय, जैसे:
  • क्रैश बफर्स और डिफॉर्मेशन ट्यूब्स।
  • EN 45545 HL3 69 मानकों के अनुसार बेहतर आग सुरक्षा।
  • फायर बैरियर दीवार: आग की स्थिति में अतिरिक्त सुरक्षा।
  • ये सब मिलकर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को सुरक्षित बनाते हैं, जो राजधानी की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हैं।
3. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन: तेज़ी से यात्रा
  • वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की गति 160 किमी/घंटा तक है, जो इसे राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस से तेज बनाती है, जिससे यात्रियों को जल्दी अपनी मंजिल तक पहुँचने का लाभ मिलता है।
  • इसकी स्व-प्रेरित ट्रेन प्रणाली (Self-Propelled) के कारण, इसे इंजन की आवश्यकता नहीं होती, और इसमें दोनों सिरों पर ड्राइवर के केबिन होते हैं, जिससे टर्नअराउंड टाइम (स्टेशन पर रुकने का समय) कम होता है और यात्रा अधिक सुगम बनती है।
4. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के बारे में अन्य जानकारी
  • निर्माण लागत:  120 करोड़
  • निर्माण स्थल: इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) और BEML
  • कोच की संख्या: प्रत्येक ट्रेन सेट में 16 कोच होंगे, जिनमें 67 स्लीपर बर्थ्स हैं।
  • यात्रियों की क्षमता: 823 यात्रियों की क्षमता।
  • सभी कोच एसी से सुसज्जित: अधिक आरामदायक यात्रा।
रेलवे भविष्य में इन कोचों की संख्या बढ़ाकर 24 तक करने की योजना बना रहा है, जिससे और भी यात्रियों को यह उन्नत सुविधाएं मिल सकें।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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