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Farmers’ protest: नोएडा से दिल्ली मार्च को लेकर पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, भारी वाहनों पर लगाई रोक, जानें कौन से रास्ते होंगे बंद

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Farmers Protest

नई दिल्ली. Farmers’ protest: किसानों के नोएडा से दिल्ली तक होने वाले प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने यातायात व्यवस्था के संबंध में एक विस्तृत ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। भारतीय किसान परिषद (BKP) और अन्य किसान संगठनों के नेतृत्व में यह मार्च कृषि सुधारों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर निकाला जा रहा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की भी मांग की गई है।
“हम दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए तैयार हैं। कल, 2 दिसंबर को हम नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। दोपहर तक हम वहां पहुंचकर नए कानूनों के तहत हमारे मुआवजे और लाभ की मांग करेंगे,” भारतीय किसान परिषद (BKP) के नेता सुखबीर खलीफा ने ANI को बयान देते हुए कहा।
मुख्य यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन:
पुलिस द्वारा रविवार को जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले वाहन सेक्टर 14-A फ्लाईओवर, गोलचक्कर चौक (सेक्टर-15), संदीप पेपर मिल चौक और झुंडपुरा चौक के रास्ते अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
इसके अलावा, नोएडा-Delhi बॉर्डर पर पुलिस सख्त जांच कर रही है।
भारी वाहनों पर प्रतिबंध: कृषि मालवाहन वाले भारी वाहन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुन एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने के मार्गों पर नहीं चल पाएंगे। इसके अलावा, सिरसा से सूरजपुर होते हुए पारिचौक मार्ग पर भी इन वाहनों को रोक दिया जाएगा।
यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग:
चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा:
सेक्टर 14-A फ्लाईओवर → गोलचक्कर चौक (सेक्टर-15) → संदीप पेपर मिल चौक → झुंडपुरा चौक
DND बॉर्डर से दिल्ली:
फिल्म सिटी फ्लाईओवर → सेक्टर-18 → एलीवेटेड रोड
कालिंदी बॉर्डर से दिल्ली:
महामाया फ्लाईओवर → सेक्टर-37
ग्रेटर नोएडा से दिल्ली:
चरखा राउंडअबाउट → कालिंदी कुंज या हाजीपुर अंडरपास → कालिंदी कुंज (सेक्टर-51 और मॉडल टाउन के रास्ते)
यमुन एक्सप्रेसवे यातायात:
जेवर टोल पर उतरें → खुर्जा → जहांगीरपुर
परिधीय एक्सप्रेसवे यातायात:
सिरसा एग्जिट से बचें → दिल्ली के लिए दादरी या दासना एग्जिट का उपयोग करें
मेट्रो और हेल्पलाइन सहायता
पुलिस ने यात्रियों को ट्रैफिक जाम से बचने के लिए मेट्रो सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी है। इसके अलावा, नोएडा प्रशासन ने एक ट्रैफिक हेल्पलाइन सक्रिय की है – 9971009001, जहां यात्री ट्रैफिक अपडेट और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। यह ट्रैफिक एडवाइजरी किसानों के मार्च के दौरान संभावित यातायात जाम से बचने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, ताकि यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
इसलिए आंदोलनरत हैं देश के किसान
  • किसानों की एक प्रमुख मांग यह है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से अनिवार्य बना दे। किसान संगठनों का कहना है कि MSP को सुनिश्चित करने के लिए एक कानून होना चाहिए, जिससे सरकार यह सुनिश्चित कर सके कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले।
  • किसान इस बात से चिंतित हैं कि यदि वे अपने उत्पादों को खुले बाजार में बेचने के लिए छोड़ देंगे तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलेगा। MSP के बिना, बड़े व्यापारी किसानों को कम कीमत पर फसल खरीद सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान होगा।
  • किसान चाहते हैं कि सरकार MSP को कानूनी रूप से अनिवार्य कर दे ताकि कृषि उत्पादों की कीमतों में कमी न हो और किसानों को उनका उचित मुआवजा मिले।
कृषि सुधारों का लाभ
किसान अपने प्रदर्शन के माध्यम से यह भी मांग कर रहे हैं कि कृषि क्षेत्र में सुधारों के लाभ वास्तविक किसानों तक पहुंचें। कृषि सब्सिडी, बीमा योजनाएं, सिंचाई सुविधाएं और कृषि शिक्षा जैसी योजनाओं का लाभ गरीब और छोटे किसानों तक सही तरीके से पहुंचे। किसानों का कहना है कि कृषि सुधारों का लक्ष्य केवल बड़े और अमीर किसानों को लाभ पहुंचाना नहीं होना चाहिए, बल्कि छोटे और मझोले किसानों को भी इसमें लाभ मिलना चाहिए।
कृषि कर्ज और ऋण माफी
किसान ऋण माफी की भी मांग कर रहे हैं। कई किसान कृषि ऋण के भारी बोझ तले दबे हुए हैं, और उनका कहना है कि सरकार को कृषि कर्ज माफी की योजना लागू करनी चाहिए ताकि वे उधारी से मुक्त हो सकें और कृषि क्षेत्र में सुधार ला सकें।
 जलवायु परिवर्तन और कृषि संकट
भारत में किसानों का एक और बड़ा मुद्दा जलवायु परिवर्तन और इसके कारण होने वाली समस्याएं हैं। देशभर में बार-बार सूखा, बाढ़ और अनियमित मानसून जैसी समस्याएं किसानों के लिए गंभीर संकट बन चुकी हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि सरकार कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए और किसानों के लिए सिंचाई योजनाएं, जल संचयन, और कृषि बीमा योजनाओं को बढ़ावा दे।
 कृषि उपकरणों की कीमतें और मजदूरी
किसान कृषि उपकरणों की बढ़ती कीमतें, बिजली की दरों में वृद्धि, और मजदूरी में असमानता से भी परेशान हैं। वे चाहते हैं कि सरकार कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दे और श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करें ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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