
नई दिल्ली. PM Modi In Loksabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित दो दिवसीय चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों पर तीखे निशाने साधे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कांग्रेस द्वारा पहले अपनाए गए “गरीबी हटाओ” के नारे पर सवाल उठाए और देश के गरीबों और वंचित वर्गों के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, “जो लोग कभी नहीं पूछे जाते, उन्हें मोदी पूजता है।”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सबसे प्रिय शब्द “जुमला” है, लेकिन इतिहास में सबसे बड़ा “जुमला” वही था, जो कांग्रेस ने “गरीबी हटाओ” के नाम पर 4 पीढ़ियों तक फैलाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गरीबी और गरीबों को सिर्फ मीडिया में देखा और उनके वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान देश के गरीबों के पास बुनियादी सुविधाएं जैसे टॉयलेट और पीने का पानी तक नहीं थे, और इन मुद्दों को उनकी सरकार ने प्राथमिकता से हल किया।
मोदी सरकार की योजनाओं का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने गरीबों के जीवन में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- गैस सिलेंडर योजना: प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले महिलाएं धुएं में खाना बनाती थीं, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता था। मोदी सरकार ने घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाकर इस समस्या को हल किया।
- आयुष्मान योजना: गरीबों को मुफ्त इलाज देने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई, जिससे करोड़ों लोगों को चिकित्सा सुविधा मिल रही है।
- बैंकिंग सेवाओं की पहुंच: 2014 से पहले 50 करोड़ भारतीयों के पास बैंक अकाउंट नहीं था। मोदी सरकार ने उन लोगों के लिए बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू की और बैंकिंग सुविधाओं को गरीबों तक पहुंचाया।
- प्रेरणा देने वाले मंत्रीमंडल: प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने दिव्यांगों, आदिवासियों, छोटे किसानों, मछुआरा समाज, और ट्रांसजेंडर समुदायों के लिए विशेष मंत्रालयों का गठन किया, जो पिछली सरकारों द्वारा कभी नहीं किए गए थे।
“जो कोई नहीं पूछता, उन्हें मोदी पूजता है”
पीएम मोदी ने इस बात को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार उन लोगों के लिए काम कर रही है, जिन्हें पहले समाज और सरकार से कोई मदद नहीं मिलती थी। दिव्यांगों के लिए एक विशेष साइन लैंग्वेज प्रणाली तैयार की गई, ताकि वे भी समाज में समाहित हो सकें। इसके अलावा, ट्रेनों में दिव्यांगजन की यात्रा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
