
Manmohan Singh Pakistan Connection : भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हुआ। उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। एक बात जो बहुत कम लोग जानते हैं, वह यह है कि उनका पाकिस्तान से भी गहरा संबंध था और उनके नाम पर पाकिस्तान में एक स्कूल भी है।
मनमोहन सिंह का पाकिस्तान कनेक्शन
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गाह गांव में हुआ था, जो विभाजन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप का हिस्सा था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में आकर अमृतसर में बस गया, लेकिन मनमोहन सिंह ने अपने बचपन के कई साल इसी गांव में बिताए थे और यहीं से उनकी शुरुआती पढ़ाई शुरू हुई थी। 2004 में जब वे प्रधानमंत्री बने, तो यह सफलता पाकिस्तान में भी चर्चा का विषय बन गई, और खासतौर पर उनके जन्मस्थान गाह के लोग आज भी उन्हें गर्व से याद करते हैं।
गाह गांव में मनमोहन सिंह के नाम पर एक स्कूल
गाह गांव में एक स्कूल आज भी ‘मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल’ के नाम से जाना जाता है। यह वही स्कूल है जहां से मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। उनके स्कूल के दोस्त राजा मोहम्मद अली ने बताया कि वह और मनमोहन सिंह पहले से चौथी क्लास तक साथ पढ़े थे। विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार भारत आ गया, लेकिन गाह गांव के लोग आज भी उनकी सफलता और योगदान को सम्मान से याद करते हैं और चाहते हैं कि वह एक बार अपने जन्मस्थान जरूर लौटें।
गाह गांव में मनमोहन सिंह का योगदान
गाह गांव के लोग मानते हैं कि मनमोहन सिंह की वजह से उनके गांव में कई सकारात्मक बदलाव आए। 2007 में, पंजाब प्रांत की सरकार ने गाह गांव को आदर्श गांव बनाने का ऐलान किया। गांव में अब डबल रोड, स्ट्रीट लाइट्स, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल, दो अस्पताल और पक्के मकान हैं। गाह के लोग आज भी मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हैं और उनका धन्यवाद करते हैं। राजा मोहम्मद अली ने कहा, “मनमोहन सिंह के कारण हमारे गांव की पहचान पूरी दुनिया में हुई है।” गाह गांव के निवासी मोहम्मद अली ने बताया कि जब वह भारत आए थे, तो उन्होंने मनमोहन सिंह और उनके परिवार से मुलाकात की थी, जो उनके लिए गर्व की बात थी।
