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Pakistan’s threat: पाकिस्तान का वाख़ान कॉरिडोर पर कब्ज़े का खतरा: अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ सकती है बड़ी मुसीबत, क्या टकराव तय है?

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Pakistan Threat
Pakistan’s threat: Threat of Pakistan occupying the Wakhan Corridor: Big trouble may arise in Afghanistan, is conflict certain?
इस्लामाबाद. Pakistan’s threat: पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के रिश्ते दिन-ब-दिन तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना वाख़ान कॉरिडोर पर कब्ज़ा करने की तैयारी में है। यह इलाका अफ़ग़ानिस्तान का “चिकन नेक” कहा जाता है, और इसका महत्व अफ़ग़ानिस्तान को चीन तक पहुंच प्रदान करता है। पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ क़मर चीमा के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन क्या पाकिस्तान इस पर काबू पा सकता है? इस सवाल का जवाब बहुत कुछ अंतरराष्ट्रीय समीकरणों पर निर्भर करेगा।
सोशल मीडिया पर ये खबरें भी उड़ी हैं कि पाकिस्तान ने वाख़ान कॉरिडोर पर कब्ज़ा करने के लिए अपनी कार्रवाइयाँ शुरू कर दी हैं। हालांकि, अफ़ग़ानिस्तान के बादख़्शान पुलिस कमांड ने इन दावों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, “वाख़ान में पाकिस्तान की कोई उपस्थिति नहीं है, और न ही किसी हमले की कोई सूचना है।” सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को उन्होंने पूरी तरह से झूठा बताया।
वाख़ान कॉरिडोर: रणनीतिक महत्व क्या है?
वाख़ान कॉरिडोर, जो एक संकरी पट्टी के रूप में जाना जाता है, अफ़ग़ानिस्तान को चीन से जोड़ता है। अगर पाकिस्तान इस पर कब्ज़ा कर लेता है, तो उसे सीधे ताजिकिस्तान तक पहुंच मिल जाएगी, जो उसकी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा। इस समय, अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के लिए मध्य एशिया के रास्ते में एक रुकावट की तरह कार्य करता है, और अगर पाकिस्तान वाख़ान पर काबू पा लेता है, तो यह उसकी कनेक्टिविटी को खोल सकता है।

क्या पाकिस्तान को चीन का समर्थन मिलेगा?
क़मर चीमा के मुताबिक, पाकिस्तान को वाख़ान कॉरिडोर पर कब्ज़ा करने के लिए चीन का समर्थन चाहिए होगा, क्योंकि इस क्षेत्र से उइघुर उग्रवादी जुड़े हुए हैं। हालांकि, चीन की सहमति प्राप्त करना आसान नहीं होगा। चीन इस मामले में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देगा, और पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर वह सतर्क रहेगा।
आंतरराष्ट्रीय दबाव और तालिबान का रिएक्शन
पाकिस्तान की यह योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विवाद उत्पन्न कर सकती है। यदि पाकिस्तान वाख़ान पर कब्ज़ा करता है, तो उसे भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि तालिबान, जो अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में है, इस कदम के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल सकता है। हाल ही में तालिबान ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमले भी किए थे, और ऐसे में पाकिस्तान के लिए तालिबान से एक और मोर्चा खोलने की स्थिति बन सकती है। पाकिस्तान का यह कदम, जो पहले से ही संवेदनशील स्थिति में है, न केवल अफ़ग़ानिस्तान के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर संकट का रूप ले सकता है।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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