
जयपुर. Jaipur Bomb Blast: जयपुर में 17 साल पहले हुए घातक सीरियल बम धमाकों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामले में आज (8 अप्रैल) को अदालत में सजा का ऐलान होगा। यह मामला उस जिंदा बम से जुड़ा है जो चांदपोल बाजार में हनुमान मंदिर के पास पाया गया था। इस मामले में जयपुर की स्पेशल अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया है, जिनमें शाहबाज अहमद, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, और सैफुर्रहमान अंसारी शामिल हैं। इन चारों आरोपियों के लिए आज अदालत सजा का ऐलान करेगी। हालांकि, बम धमाकों के मुख्य मामले में सभी आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन जांच एजेंसी ने अब कोर्ट के समक्ष नए तथ्यों और गवाहों के बयान पेश किए हैं, जिसके बाद कोर्ट ने इन चार दोषियों को जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी ठहराया है।
जांच में नई जान: गवाहों के बयान और मजबूत सबूत
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बम धमाकों के मामलों में दोषियों को बरी किए जाने के बाद जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठे थे। इसमें कई खामियां सामने आई थीं, जिनकी वजह से अदालत ने दोषियों को बरी कर दिया था। इसके बाद, जांच एजेंसी ने उन खामियों को दूर करते हुए कई नए तथ्य सामने रखे। जांच में शामिल किए गए गवाहों में तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर राजेंद्र नैन, एडीजी एके जैन, पत्रकार प्रशांत और अन्य पांच लोग शामिल हैं। इन गवाहों के बयान और अतिरिक्त सबूतों को कोर्ट में पेश कर मामले को और मजबूत किया गया। इस नए दिशा-निर्देश के साथ, अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया और अब इन्हें सजा सुनाई जाएगी।
कोर्ट ने इन्हें दोषी ठहराया: क्या अब मिलेगा न्याय?
चार दोषियों में शाहबाज अहमद उर्फ हुसैन उर्फ शानू, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी और सैफुर्रहमान अंसारी शामिल हैं। 4 अप्रैल को स्पेशल कोर्ट ने इन्हें दोषी करार दिया था, और आज इन दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान किया जाएगा। यह फैसला उन सभी के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो जयपुर में हुए इस आतंकवादी कृत्य के न्याय की उम्मीद कर रहे थे।
2008 के बम धमाकों का भूत: 80 मौतें और कई जख्म
13 मई 2008 को जयपुर के परकोटा क्षेत्र में हुए सीरियल बम धमाकों में करीब 80 लोग मारे गए थे, और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। धमाकों के दौरान चांदपोल गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास एक साइकिल पर रखा गया जिंदा बम भी मिला था, जिससे और बड़ी त्रासदी को टाला गया। इस घटना के बाद, विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई शुरू की थी और बम धमाकों के आरोपियों को दोषी ठहराया था। हालांकि, बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने जांच में खामियों को उजागर करते हुए सभी दोषियों को बरी कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती: अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला
हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। इसके साथ ही पीडि़तों की ओर से भी एसएलपी दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जहां दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार किया जा रहा है। कोर्ट का फैसला इस मामले में एक अहम मोड़ ला सकता है।
स्पेशल कोर्ट का अहम निर्णय
आज, जयपुर के स्पेशल कोर्ट के जज रमेश कुमार जोशी इन चार दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान करेंगे। यह मामला न केवल जयपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रतीक बन चुका है, जहां 17 साल बाद भी न्याय की तलाश जारी है। अदालत का यह फैसला इस बात को और भी स्पष्ट करेगा कि न्याय देर से ही सही, पर मिलेगा।
