
प्रतापगढ़. Narcotics Department: जिले में नारकोटिक्स विभाग द्वारा संचालित अफीम तौल केंद्र पर अब तक 21 गांवों के 432 किसानों की अफीम तौली जा चुकी है, जो कृषि में लाइसेंस प्राप्त किसानों की अफीम खरीदने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था। यह तौल केंद्र जैन दादावाड़ी में स्थित है, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ किसानों की अफीम की सही तरीके से तौल और जांच की प्रक्रिया चल रही है।
अफीम तौल केंद्र का संचालन: 21 गांवों के 432 किसान पहुंचे
नारकोटिक्स विभाग खंड प्रथम के जिला अफीम अधिकारी एल सी पवार ने जानकारी दी कि अफीम तौल केंद्र का संचालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जिले के 188 गांवों के 2964 किसानों को चिरा पद्धति से अफीम उगाने के लिए लाइसेंस जारी किया गया था। अब इस तौल केंद्र पर 21 गांवों के 432 किसानों ने अपनी अफीम लेकर पहुंचकर इसे तौलवाया। यह प्रक्रिया सुरक्षा के साथ पूरी पारदर्शिता से की जा रही है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। पवार ने बताया कि यहां पर अफीम की जांच पहले हाथ परख पद्धति से की जाती है, उसके बाद इसे नीमच स्थित फैक्ट्री में भेज दिया जाता है। वहां चार से पांच दिनों में अफीम की जांच के परिणाम सामने आते हैं और इसके बाद किसानों को उनके खातों में भुगतान किया जाता है।
अफीम की कीमतें और भुगतान
विभाग ने इस बार अफीम की कीमतों को मार्फिन की मात्रा के आधार पर निर्धारित किया है। प्रति किलो अफीम का मूल्य 870 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक तय किया गया है। अब तक 7 अप्रैल तक 105 गांवों के 1985 किसानों की 14,500 किलो अफीम तौली जा चुकी है, जिसके बदले में किसानों को सवा दो करोड़ रुपये का भुगतान प्रस्तावित है। इस पूरे तौल केंद्र पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न हो, इसके लिए विभाग ने व्यापक प्रबंध किए हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम: पुलिस और सीसीटीवी निगरानी
अफीम तौल केंद्र पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि तौल की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से की जा सके। इस पूरी तौल प्रक्रिया में किसानों की मदद करने के लिए विभाग के कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं, जो किसानों को सही मार्गदर्शन देते हैं।
नतीजों का इंतजार: किसानों का भुगतान जल्दी
अब तक की प्रक्रिया में जो अफीम तौली जा चुकी है, उसके लिए किसानों को शीघ्र ही भुगतान मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही विभाग ने साफ किया है कि तौल में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए सभी कदम उठाए गए हैं और किसानों के पैसे का लेन-देन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
