
जयपुर. Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत इन दिनों फिर से गर्म है। इस बार वजह हैं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, जिनके दो तीखे ट्वीट्स ने न सिर्फ कांग्रेस को चौंकाया, बल्कि खुद भाजपा के भीतर भी हलचल मचा दी। जल संकट को लेकर झालावाड़ में जलदाय विभाग की लापरवाही पर उनकी नाराजग़ी अब एक बड़े राजनीतिक संदेश में तब्दील होती दिख रही है।
“पानी कागज़ों में नहीं, होठों तक पहुंचे”- राजे का तीखा प्रहार
वसुंधरा राजे ने देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दो पोस्ट कर सीधे तौर पर सरकारी अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि “क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफसरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफ़सर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।” इन ट्वीट्स ने न सिर्फ प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया, बल्कि भाजपा के भीतर राजे की राजनीतिक सक्रियता को लेकर भी नए संकेत दे दिए हैं।
भाजपा में समर्थन की बयार: “जो कहा, सही कहा”-मदन राठौड़
भाजपा नेता मदन राठौड़ ने राजे के समर्थन में खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि “वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। अगर उन्होंने अफसरों से जवाब मांगा है, तो इसमें गलत क्या है? ये हमारा पारिवारिक मामला है, विपक्ष को इसमें पंचायती नहीं करनी चाहिए।” उन्होंने साफ किया कि भाजपा किसी अधिकारी की लापरवाही को नहीं सहेगी और अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होने देगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “राजे ने जो भी कहा, सही कहा। जिन इलाकों की उन्होंने बात की है, वहां वास्तव में पानी की भारी किल्लत है। उनका प्रशासन से जवाब मांगना जनता की आवाज़ उठाना है।”
मंच पर दिखी एकजुटता: कई वरिष्ठ नेताओं ने दी मौन सहमति
मदन राठौड़ के साथ मंच साझा कर रहे भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, पूर्व सांसद सुभाष बहेडिय़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा और पूर्व विधायक वि_ल शंकर अवस्थी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से वसुंधरा राजे की बातों का समर्थन किया। यह संकेत है कि भाजपा के अंदर अब राजे के प्रति समर्थन की धार और तेज हो रही है।
जयपुर बुलडोजर कार्रवाई पर भी राठौड़ का बयान
जयपुर में हाल ही में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी राठौड़ ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक नहीं, बल्कि ‘समझ का अंतर’ था। हाई कोर्ट के आदेशों के तहत सडक़ चौड़ीकरण किया जा रहा था, लेकिन कार्यवाही की शुरुआत को लेकर भ्रम था, जिसे समय रहते संभाल लिया गया।
राजनीति के पीछे का संदेश: राजे की वापसी की आहट?
राजे के इन ट्वीट्स को केवल प्रशासन पर नाराजग़ी भर मानना शायद नासमझी होगी। इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक संदेश छुपा है- भाजपा में वसुंधरा राजे के कद और सक्रियता की पुनस्र्थापना। उनके समर्थकों की संख्या और उनके बयान के बाद भाजपा नेताओं का खड़ा होना इस ओर इशारा करता है कि राजस्थान भाजपा अब आंतरिक मतभेदों को किनारे कर एकजुटता की दिशा में बढ़ रही है।
