
जयपुर. Isarda Dam Project: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान जल संकट से राहत की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दौसा और सवाई माधोपुर जिलों के लिए वरदान बन रही ईसरदा बांध परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है। 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इस वर्ष के मानसून में पहली बार बांध में जल संग्रहण की शुरुआत हो सकती है।
मिशन मोड में सरकार, पानी हर घर तक पहुंचाने का संकल्प
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग बांध निर्माण को मिशन मोड में पूरा कर रहा है। अब तक पियर्स, गेट्स और स्पिलवे ब्रिज जैसे जटिल हिस्सों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मिट्टी के बांध का शेष कार्य 82 प्रतिशत पूरा हो चुका है और विभाग इसे जुलाई तक पूर्ण करने के प्रयास में जुटा है।

1256 गांव और 6 शहर होंगे लाभान्वित
बांध के पूरा होते ही दौसा जिले के 1079 गांवों व 5 शहरों, तथा सवाई माधोपुर के 177 गांव और 1 शहर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इससे न केवल जल संकट से जूझ रहे इलाकों को राहत मिलेगी, बल्कि दूरगामी जल प्रबंधन का भी एक मजबूत आधार तैयार होगा।
बीसलपुर और बनास नदी के जल का होगा स्मार्ट उपयोग
इस परियोजना से बीसलपुर बांध के अधिशेष जल और बनास नदी के वर्षा जल का कुशल उपयोग सुनिश्चित होगा। इतना ही नहीं, राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत रामगढ़ बांध, बुचारा, छितोली जैसे बांधों को भी इससे जोड़ा जाएगा, जिससे जयपुर जिले तक भी पेयजल आपूर्ति का रास्ता खुलेगा।

बांध निर्माण की स्थिति पर एक नजऱ
- 28 में से 28 स्लैब तैयार
- 28 पियर्स और 84 गर्डर पूर्ण
- 28 रेडियल गेट और पावर पैक रूम स्थापित
- 56 हाईड्रोलिक सिलेंडर लगाए जा चुके
- मिट्टी के बांध का कार्य 82.08 प्रतिशत पूर्ण, मुख्य बांध 90 प्रतिशत पूर्ण
“ईसरदा परियोजना से गांवों में बढ़ेगा भूजल स्तर, रिचार्ज होंगे कुएं”
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में विभाग हर दिशा में प्रयासरत है। यह परियोजना ग्रामीण व शहरी आबादी को सुरक्षित पेयजल की सौगात देगी और भूजल स्तर में वृद्धि से परंपरागत जल स्रोत भी पुनर्जीवित होंगे।”
