
जयपुर. Rajasthan News: अगर आप भी सहकारी भूमि विकास बैंकों के ऋणदार हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है! राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26 के तहत किसानों और आम नागरिकों को राहत देने का एक और बड़ा कदम उठाया है। योजना के तहत सहकारी भूमि विकास बैंकों के कर्जदारों को एकमुश्त ब्याज राहत देने का अवसर मिलेगा, लेकिन इसके लिए सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाएगा और साथ ही योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाएगी। इस योजना का उद्देश्य शत-प्रतिशत वसूली करना है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्य शासन सचिव मंजू राजपाल ने इस योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि यह योजना सही मायनों में किसानों और कर्जदारों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, बशर्ते इसको प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।
योजना को हर किसान तक पहुंचाएं
राजपाल ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि इस योजना का प्रचार-प्रसार सबसे जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रचार के विभिन्न माध्यमों-जैसे पोस्टर्स, मीडिया, और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना के बारे में जान सकें और इसका लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि योजना के अंतर्गत शत-प्रतिशत वसूली का लक्ष्य तय किया जाए और इसे प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना का वित्त विभाग द्वारा अनुमोदन हो चुका है और इसे लागू करने के लिए अब सभी तैयारी अंतिम चरण में हैं। इसके अंतर्गत, एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है जो ऋणियों के लिए पारदर्शी और आसान होगा।
पोर्टल में होगा ये खास: अब ऋणियों को मिलेगी सीधी सूचना
पोर्टल के माध्यम से ऋणियों को हर हफ्ते मैसेज के जरिए जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, कॉल सेंटर की भी स्थापना की जाएगी, जिससे सभी पात्र व्यक्तियों को सीधे कॉल किया जाएगा और उन्हें योजना के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति भी की जा चुकी है, और जिन जिलों में डिमांड अधिक है, वहां वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है।
कंप्यूटराइजेशन में तेजी: सुचारु कामकाजी प्रक्रिया की ओर
मुख्य शासन सचिव ने भूमि विकास बैंकों के कंप्यूटराइजेशन के कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बैंक में रिक्त पदों को भरने के लिए पहले से प्रक्रियाधीन भर्ती को ही प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, कामकाजी प्रक्रिया को सुचारु रखने के लिए इंटन्र्स की भर्ती पर भी विचार किया जा सकता है।
95% से कम वसूली करने वालों को मिलेगा नोटिस
राजपाल ने बैठक में एक और अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि ब्याज अनुदान योजना के तहत 95त्न से कम वसूली करने वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। इससे यह साफ होता है कि राज्य सरकार इस योजना को पूरी गंभीरता से लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
ब्याज अनुदान योजना का प्रभाव: लगभग 112 करोड़ रुपये की वसूली
बैठक में राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक जितेन्द्र प्रसाद ने जानकारी दी कि ब्याज अनुदान योजना के तहत 111.98 करोड़ रुपये की वसूली की गई है, जो लक्ष्य का 91.04 प्रतिशत है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि योजना का क्रियान्वयन अब तक काफी सफल रहा है, लेकिन राज्य सरकार और अधिकारी इस सफलता को शत-प्रतिशत वसूली तक पहुँचाने के लिए और भी तेज कदम उठा रहे हैं।
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना का मुख्य उद्देश्य है उन ऋणों के ब्याज में राहत देना जो पिछले कई सालों से फंसे हुए थे। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार किसानों और अन्य ऋणियों को एकमुश्त भुगतान करने पर ब्याज में राहत देने का अवसर दे रही है, जिससे वे अपने पुराने कर्ज से निजात पा सकें। राज्य सरकार की यह योजना न केवल कर्जदारों के लिए राहत का अवसर है, बल्कि इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जैसे वसूली लक्ष्य तय करना, पोर्टल का निर्माण, प्रचार-प्रसार अभियान, और कंप्यूटराइजेशन। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने अपनी कड़ी निगरानी और समय पर कार्रवाई के जरिए इस योजना के सफल क्रियान्वयन की ओर कदम बढ़ाया है।
