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PKC-ERCP Rajasthan: राजस्थान में जल क्रांति की दस्तक! सीएम भजनलाल एक्शन मोड में, PKC-ERCPऔर यमुना जल परियोजनाओं को मिला टाइम फ्रेम

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cm Bhajan Lal Sharma
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जयपुर. PKC-ERCP Rajasthan: राजस्थान की प्यास बुझाने और पानी को भविष्य के लिए संजोने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अब पूरी तरह “एक्शन मोड” में हैं। प्रदेश की दो सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित जल परियोजनाएं पीकेसी- ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) और यमुना जल परियोजना को अब तय समयसीमा में पूरा किया जाएगा। सरकार ने इन दोनों प्रोजेक्ट्स को ‘मिशन मोड’ में डालते हुए अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दे दिया है: अब देरी नहीं, डेडलाइन पर डिलीवरी होनी चाहिए।

जल संकट से समाधान की ओर: अब तय हुआ टाइम-फ्रेम
  • PKC- ERCP परियोजना, जो पूर्वी राजस्थान में जल संकट को दूर करने का सपना है, अगले दो वर्षों में पूरी की जाएगी।
  • इस प्रोजेक्ट की प्रगति पर हर 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट देनी होगी, ताकि न तो कोई फाइल धूल फांके और न ही योजना अटक जाए।
  • वहीं, यमुना जल परियोजना पर काम और तेज़ होगा, क्योंकि इसके लिए 20 अप्रैल को खुद सीएम पिलानी में टास्क फोर्स मीटिंग लेंगे।
‘मिशन मोड’ में बड़े जल प्रोजेक्ट्स, भूमि अधिग्रहण में भी तेजी

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है “समय नहीं है, अब सिर्फ परिणाम चाहिए।” इसी के तहत जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग, सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए।

  • विशेष अधिकारियों की नियुक्ति कर भूमि अधिग्रहण का काम फास्ट-ट्रैक पर लाया जाए।
  • संबंधित विभागों के बीच समन्वय से काम में कोई अड़चन न आए।
  • योजनाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए हर ज़िले में सतत निगरानी की व्यवस्था हो।
  • इन प्रमुख परियोजनाओं पर भी सीएम की सख्ती
  • ईसरदा पेयजल परियोजना और धौलपुर लिफ्ट सिंचाई योजना: जून 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश।
  • परवन वृहद बहु-उद्देशीय परियोजना: पाइपलाइन, पंप हाउस और डिग्गियों के निर्माण में तेजी लाने के आदेश।

साथ ही, अपर हाई लेवल कैनाल, पीपलखूंट हाई लेवल कैनाल, साबरमती बेसिन अपवर्तन जल, और देवास तृतीय-चतुर्थ परियोजना की समीक्षा कर कार्यों में प्रगति लाने की आवश्यकता जताई गई।

गर्मी में पानी नहीं रुकेगा: सीएम की खास हिदायत

राजस्थान की तपती गर्मियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जल प्रबंधन को लेकर भी सख्त निर्देश दिए।

  • अधिकारी फील्ड में रहें, केवल मीटिंग रूम तक सीमित न रहें।
  • पेयजल से जुड़ी हर शिकायत का त्वरित निस्तारण हो।
  • सभी जिलों में पेयजल योजनाओं को समय पर पूरा किया जाए।
  • हर गांव में दो ‘जल मित्र’ बनाए जाएं, जो स्थानीय जल निगरानी में मदद करें।
  • नहरबंदी के समय डिग्गियों को पूर्ण रूप से भरने की व्यवस्था हो।
कंट्रोल रूम नंबर हर गांव तक पहुंचे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नंबरों का प्रचार-प्रसार हर माध्यम से किया जाए। जनता को यह पता होना चाहिए कि अगर पानी की कोई दिक्कत हो तो कहां कॉल करना है।

एक्शन नहीं, तो एक्शन लिया जाएगा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संदेश साफ है कि “परियोजनाओं को लटकाना अब बीते समय की बात है।” राज्य सरकार जल संकट को सिर्फ चुनावी मुद्दा नहीं, लाइफलाइन मानती है। चाहे किसानों के खेत हों या शहरों की कॉलोनियां, हर बूंद अब योजनाबद्ध तरीके से काम में लाई जाएगी।

जल प्रबंधन से जल समृद्धि की ओर

राजस्थान की रेत अब सिर्फ तपती नहीं, सरकार की दूरदर्शिता से भीगती नजर आएगी। PKC-ERCPऔर यमुना जल परियोजनाएं अब सरकार के फोकस में हैं, और अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले वर्षों में राजस्थान को पानी की मार से नहीं, जल संजीवनी की सौगात मिलेगी।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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