
जयपुर. Cm Three Day Visit: राजस्थान में सत्ता की कुर्सी संभालते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मैदान में उतर चुके हैं। 19 अप्रैल से शुरू होने वाला उनका तीन दिवसीय ज़िला दौरा सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक “जन संवाद यात्रा” बन चुका है जिसमें वे आमजन की आवाज़ नज़दीक से सुनेंगे और विकास कार्यों की सच्चाई खुद परखेंगे। इस दौरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मुख्यमंत्री का फोकस सिर्फ सभाएं और भाषण नहीं, ग्रामीण ज़मीन से जुड़ाव, जल संकट पर रणनीति और प्रशासनिक पारदर्शिता है।
19 अप्रैल : जयपुर से सीकर – सफर नहीं, सीधा संवाद
- मुख्यमंत्री सडक़ मार्ग से टांटियावास, चौमूं, गोविन्दगढ़, सरगोठ, रींगस, पलसाना और बाजौर जैसे रास्तों से होते हुए सीकर सर्किट हाउस पहुंचेंगे।
- जनसुनवाई का आयोजन होगा, जहां हर वर्ग के लोगों से सीधी बातचीत होगी।
- अधिकारियों की बैठक भी तय है – मुख्यमंत्री खुद फीडबैक लेंगे कि कौनसी योजनाएं सिर्फ कागज़ों में चल रही हैं और कौनसी ज़मीन पर।
- इसके बाद धोद और लक्ष्मणगढ़ से होते हुए फतेहपुर का दौरा।
20 अप्रैल: झुंझुनूं – जहां आमजन और ‘आम जल’ दोनों पर बात होगी
- मुख्यमंत्री सुबह मण्डावा और मुकुंदगढ़ होते हुए झुंझुनूं सर्किट हाउस पहुंचेंगे।
- जनता दरबार लगेगा, समस्याएं सुनी जाएंगी, समाधान तय किए जाएंगे।
- फिर वे गुढ़ा मोड़, बगड़, चिड़ावा होते हुए पिलानी पहुंचेंगे और यहीं होगा इस दौरे का सबसे बड़ा फैसला!
जल संकट पर सरकार की सबसे बड़ी बैठक – पिलानी से निकलेगा समाधान का रास्ता!
- मुख्यमंत्री शर्मा संयुक्त टास्क फोर्स की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे – विषय है यमुना जल समझौता।
- ताजेवाला हेड से राजस्थान तक पानी लाने की डीपीआर तैयार हो रही है।
- नक्शे, जल-प्रवाह प्रणाली और अलाइमेंट पर गहन चर्चा होगी।
- हरियाणा-राजस्थान के बीच जल साझेदारी का यह ऐतिहासिक पड़ाव हो सकता है।
21 अप्रैल: मलसीसर से लेकर धन्ना भगत जयंती तक – परंपरा और प्रगति का संगम
- मुख्यमंत्री पिलानी से हवाई मार्ग से मलसीसर पहुंचेंगे, जहां वे डैम का निरीक्षण करेंगे।
- यह दौरा सिर्फ योजना देखने का नहीं, जल आपूर्ति की हकीकत समझने का प्रयास है।
- इसके बाद चूरू पुलिस लाइन में एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेंगे।
- फिर जाएंगे प्रेमपुरा (सीकर) – जहां स्व. ईश्वर राम हिण्डाला की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
- फागी (जयपुर) में भक्त शिरोमणी श्री धन्ना भगत की 610वीं जयंती में शामिल होंगे। जहां वे श्रद्धांजलि के साथ-साथ संत परंपरा की सीख को भी जनमंच से साझा करेंगे।
मुख्यमंत्री के इस दौरे की खास बातें
उद्देश्य
- जनता से जुड़ाव सीधा संवाद, जनसुनवाई, ग्रामीण समस्याएं
- जल संकट समाधान यमुना जल समझौते की DPR, विस्तृत योजना
- प्रशासनिक समीक्षा हर जिले में अधिकारियों के साथ मीटिंग
- सांस्कृतिक सहभागिता प्रतिमा अनावरण, धार्मिक आयोजन में भागीदारी
राजनीतिक संदेश साफ ये सरकार वादों की नहीं, कार्यों की है
मुख्यमंत्री शर्मा का ये दौरा एक संकेत है कि राजस्थान सरकार सिर्फ मंत्रालयों में बैठकर नहीं, बल्कि गांव की गलियों से संवाद करके शासन चलाने की नीति पर विश्वास रखती है। जनता की बात सीधे सुनना, जल संकट पर ठोस काम करना, और ज़मीनी स्तर पर प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग – यही है इस दौरे की असली सफलता।
