
ALH-Dhruv Helicopter: भारत और पाकिस्तान के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने माहौल को बारूद की तरह गर्मा दिया है। सरहद पर हरकतें तेज़ हैं और जंग की आशंका सिर उठाने लगी है। ऐसे तनावपूर्ण हालात में एक बड़ी राहत और ताकत बनकर लौटा है भारत का सबसे शक्तिशाली स्वदेशी हेलीकॉप्टर- एएलएच-ध्रुव। लंबे समय से ग्राउंडेड यह हेलीकॉप्टर अब फिर से आसमान में गरजने के लिए तैयार है।
रेगिस्तान से सियाचिन तक ध्रुव का कहर
ध्रुव को यूं ही भारत का सबसे खतरनाक हेलीकॉप्टर नहीं कहा जाता। यह मल्टीरोल हेलीकॉप्टर जहां राजस्थान की तपती रेत पर अपनी ताकत दिखा सकता है, वहीं सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर भी बिना थमे उड़ान भर सकता है। इसकी यह अद्भुत क्षमता इसे दुनिया के चुनिंदा हेलीकॉप्टर्स की कतार में खड़ा करती है।
सेना की ताकत में लगा टर्बो इंजन
एएलएच-ध्रुव केवल एक हेलीकॉप्टर नहीं, सेना का भरोसा है। निगरानी से लेकर रसद पहुंचाने तक, और आतंक रोधी अभियानों से लेकर युद्धक मोर्चे तक-हर भूमिका में इसकी उपयोगिता बेहतरीन है। खास बात यह है कि सेना ने ध्रुव के करीब 75 यूनिट्स को अटैक रोल में तब्दील कर रखा है। इनकी वापसी से थलसेना की आक्रामक क्षमता में जबरदस्त उछाल आया है।
भारतीय तकनीक की उड़ान: स्वदेशी और अत्याधुनिक
ध्रुव को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसमें लगे हिंजलेस मेन रोटर ब्लेड्स, बियरिंगलेस टेल रोटर, और एंटी-रेजोनेंस वाइब्रेशन आइसोलेशन सिस्टम इसे दुनिया के आधुनिकतम हेलीकॉप्टर्स की श्रेणी में खड़ा करते हैं।
5 जनवरी से था ग्राउंडेड, अब फिर से मिला ऑपरेशनल क्लीयरेंस
5 जनवरी 2025 को तटरक्षक बल के एक हादसे के बाद सभी एएलएच हेलीकॉप्टरों को ग्राउंड कर दिया गया था। इसके बाद व्यापक तकनीकी जांच हुई और डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन कमिटी ने सुधारात्मक सुझाव दिए। चार महीने की समीक्षा के बाद अब सेना और एयरफोर्स वर्जन को फिर से उड़ान भरने की अनुमति मिल गई है।
रात में उड़ान, दुश्मन को अंधेरे में शिकस्त
एएलएच-ध्रुव की एक बड़ी खासियत है-यह रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है। खासकर जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थिति में यह क्षमता सेना के लिए बेहद अहम है। पहाड़ी इलाकों में छिपे आतंकियों पर सटीक निशाना साधने के लिए यह एक आदर्श हथियार है।
‘रूद्र’ – ध्रुव का युद्धक अवतार
ध्रुव का एक विशेष संस्करण भी तैयार किया गया है- ‘रूद्र’, जो पूरी तरह से युद्धक भूमिका में तैनात है। इसमें हेलिफायर मिसाइल्स, गन सिस्टम्स और उन्नत टारगेटिंग तकनीकें हैं, जो इसे एक उन्नत अटैक हेलीकॉप्टर बनाती हैं।
सैनिकों का बढ़ा हौसला, दुश्मनों की बढ़ी चिंता
पहलगाम हमले के बाद जब भारत की सैन्य जरूरतें बढ़ गई थीं, ठीक उसी वक्त ध्रुव की वापसी ने सेना को संबल दिया है। यह केवल एक मशीन नहीं, बल्कि वो उड़ान है जो दुश्मनों के दिलों में खौफ भरती है और भारतीय सैनिकों को भरोसा देती है कि वे कभी भी, कहीं भी दुश्मन से लोहा ले सकते हैं।
