
नई दिल्ली. NEET UG: नीट-यूजी 2024 में कदाचार के आरोपों में फंसे 26 एमबीबीएस छात्रों पर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (हृरूष्ट) ने कड़ा कदम उठाया है। आयोग ने इन छात्रों को तुरंत निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, 14 छात्रों का एडमिशन रद्द कर दिया गया है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 में गड़बड़ी को लेकर व्यापक जांच चल रही है, और इस मामले में सख्त कदम उठाए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर काबू पाया जा सके।
42 छात्र तीन साल के लिए नीट यूजी से बाहर
नीट-यूजी 2024 परीक्षा में शामिल होने वाले 42 छात्रों को तीन साल तक नीट में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनमें 2024, 2025, और 2026 तक के लिए प्रतिबंधित अभ्यर्थी शामिल हैं। यह कार्रवाई राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (हृञ्ज्र) द्वारा की गई जांच के बाद की गई है, जिसमें इन छात्रों द्वारा अनुचित साधनों का उपयोग करने की पहचान की गई।
9 छात्रों को 2025 और 2026 के लिए भी रोक
इसके अतिरिक्त, 9 छात्रों को 2025 और 2026 सत्रों के लिए भी नीट में बैठने से प्रतिबंधित किया गया है। यह कार्रवाई सीबीआई के निष्कर्षों के आधार पर की गई है, जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
215 छात्रों पर जांच तक रोक
सूत्रों के मुताबिक, 215 छात्रों पर अभी भी जांच चल रही है, और जब तक उनकी जांच पूरी नहीं हो जाती, उन्हें नीट-यूजी 2024 में शामिल होने से रोक दिया गया है। यह कदम इस बात को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है कि इन छात्रों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, और उनके परीक्षा परिणाम पर फैसला जांच के बाद लिया जाएगा।
गंभीरता से लिया गया फैसला
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने इस कदम को अत्यंत गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह मामला मेडिकल शिक्षा और परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है। आयोग ने संबंधित मेडिकल कॉलेजों और संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे दोषी पाए गए 26 छात्रों को तुरंत निलंबित करें, ताकि इस तरह के अनुशासनहीनता के मामलों पर कड़ा नियंत्रण रखा जा सके। यह निर्देश 4 मई को होने वाली नीट-यूजी 2025 परीक्षा से पहले आया है, और यह साबित करता है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर और भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
