
जैसलमेर. Mock Drill in Jaisalmer: सोनार दुर्ग के साये में बुधवार शाम का कुछ अलग ही नज़ारा था। होटल वृंदा पैलेस में एक आपातकालीन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें आग लगने, हवाई हमले की चेतावनी और ब्लैक आउट जैसी स्थितियों का रियल टाइम अभ्यास किया गया। यह पूरी कार्रवाई इतनी जीवंत थी कि आसपास के लोगों को पहले से जानकारी दी गई थी कि घबराने की आवश्यकता नहीं है।
जिला प्रशासन और आमजन की संयुक्त भागीदारी
शाम 4 बजे शुरू हुए इस पूर्वाभ्यास में जिला कलक्टर प्रताप सिंह के नेतृत्व में नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन विभाग, पुलिस, होमगार्ड, चिकित्सा विभाग, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, वॉलंटियर्स और आम नागरिकों ने मिलकर हिस्सा लिया। सबने अपनी-अपनी भूमिका का प्रभावी निर्वहन करते हुए अभ्यास को सफल बनाया।

आग बुझाने से लेकर घायलों के रेस्क्यू तक – हर पहलु पर फोकस
अभ्यास के दौरान एक भवन में आग लगने की स्थिति को दर्शाते हुए नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का रियल डेमोंस्ट्रेशन किया गया। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई, घायलों को तुरंत एम्बुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाया गया और फिर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
सायरन, ब्लैक आउट और भीड़ नियंत्रण की भी हुई तैयारी
मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाया गया। इसके बाद माइक से सार्वजनिक स्थलों पर आपात घोषणा की गई। आम नागरिकों की प्रतिक्रिया, क्षतिग्रस्त इमारत से लोगों को सुरक्षित निकालना, अस्पताल में प्राथमिक उपचार और भीड़ नियंत्रण जैसे पहलुओं का अभ्यास भी किया गया।

मुख्य उद्देश्य: आपदा प्रबंधन में दक्षता और संसाधनों का मूल्यांकन
जिला कलक्टर ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है। साथ ही संसाधनों की तत्परता और उपलब्धता का आकलन भी किया गया।
ब्लैक आउट ड्रिल के लिए नागरिकों से सहयोग की अपील
कलक्टर ने जिलेवासियों से आग्रह किया कि ब्लैक आउट सायरन बजने पर सभी घरों, संस्थानों और सडक़ों की बिजली – चाहे वह इन्वर्टर हो या जेनरेटर – 15 मिनट तक बंद रखें ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दिया जा सके। इस अभ्यास के दौरान पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे और संपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी की।
