
नई दिल्ली/जयपुर. Big News for Education: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने देशभर के लाखों विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक निर्णय लिया है। अब 10वीं कक्षा में “बेसिक मैथ्स” (बुनियादी गणित) विषय लेने वाले छात्र भी 11वीं में गणित विषय को चुन सकेंगे-बशर्ते वे अपने विद्यालय की स्वीकृति प्राप्त करें। यह बदलाव 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से प्रभावी रहेगा और इसका उद्देश्य अधिक छात्रों को विज्ञान, इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों की ओर प्रगति का अवसर देना है।
पृष्ठभूमि: बेसिक बनाम स्टैंडर्ड मैथ्स का नियम कब और क्यों आया था?
- सीबीएसई ने वर्ष 2019-20 में गणित विषय को दो स्तरों में विभाजित किया था
- बेसिक मैथ्स: उन विद्यार्थियों के लिए जो गणित से आगे पढ़ाई नहीं करना चाहते थे।
- स्टैंडर्ड मैथ्स: उनके लिए जो भविष्य में गणित, विज्ञान या इंजीनियरिंग से जुड़ी पढ़ाई करना चाहते थे।
तब यह साफ तौर पर कहा गया था कि बेसिक मैथ्स पढऩे वाले छात्र 11वीं में गणित नहीं ले सकेंगे। लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद विद्यार्थियों की शैक्षणिक और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस नियम में आंशिक छूट दी गई। अब इसे स्थायी रूप से लागू किया जा रहा है।
अब क्या नया है?
सीबीएसई के नए नियम के मुताबिक
- 10वीं में बेसिक मैथ्स लेने वाले छात्र 11वीं में भी गणित विषय ले सकते हैं।
- यह छूट 2025-26 के शैक्षणिक सत्र में भी लागू रहेगी।
- इसके लिए छात्र को अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से अनुमति लेनी होगी।
प्रधानाचार्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र में गणित विषय को समझने और उसे आगे पढऩे की शैक्षणिक योग्यता और मानसिक तैयारी है।
विद्यालयों की भूमिका क्या होगी?
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह छूट बिना जांच के किसी भी छात्र को नहीं दी जा सकती। इसके लिए स्कूलों को छात्र की पिछली प्रदर्शन रिपोर्ट, शैक्षणिक समझ, और शिक्षक की अनुशंसा के आधार पर यह निर्णय लेना होगा कि वह गणित विषय को 11वीं में पढऩे योग्य है या नहीं। विद्यालय यह प्रमाणित करेगा कि छात्र विषय परिवर्तन के लिए मानसिक रूप से तैयार है और उसमें आगे सफलता पाने की संभावना है।
किसको मिलेगा फायदा?
- इस निर्णय से विशेष रूप से वे छात्र लाभान्वित होंग
- जिन्होंने 10वीं में परीक्षा के दबाव या गणित के प्रति डर के कारण बेसिक मैथ्स को चुना था।
- लेकिन अब 11वीं में विज्ञान, इंजीनियरिंग, तकनीकी या गणित आधारित करियर की ओर बढऩा चाहते हैं।
उदाहरण के तौर पर, एक छात्र जिसने बेसिक मैथ्स लेकर 10वीं पास की और अब बायोलॉजी के साथ मैथ्स लेना चाहता है, वह इस नए नियम के तहत ऐसा कर सकेगा।
करियर की दिशा को बदलने का अवसर
सीबीएसई का यह फैसला विद्यार्थियों के लिए एक दूसरा मौका है-अपनी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार भविष्य गढऩे का। इससे उन्हें तकनीकी और प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश की योग्यता मिल सकेगी जैसे
- इंजीनियरिंग (JEE),
- नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA),
- आर्किटेक्चर (NATA),
- डेटा साइंस, स्टैटिस्टिक्स, एकाउंटिंग जैसे नए करियर विकल्प।
महत्वपूर्ण निर्देश: सोच-समझकर करें विषय चयन
सीबीएसई ने छात्रों और अभिभावकों को यह सलाह दी है
- एक बार गणित विषय लेने के बाद उसे बदला नहीं जा सकेगा, इसलिए निर्णय सोच-समझकर लें।
- यदि कोई छात्र 10वीं में बेसिक मैथ्स लेने के बाद 11वीं में गणित लेना चाहता है, तो उसे विषय परिवर्तन के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी।
- विद्यालय यह अनुमति तभी देगा जब उसे विश्वास हो कि छात्र गणित विषय को समझने और पढऩे में सक्षम है।
क्या यह निर्णय हर बोर्ड के लिए है?
नहीं। यह नियम सिर्फ सीबीएसई बोर्ड के अधीन आने वाले विद्यालयों पर लागू होगा। राज्य बोर्ड या अन्य शिक्षा बोर्ड इससे प्रभावित नहीं होंगे, हालांकि वे भविष्य में ऐसे ही कदम उठा सकते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
शैक्षणिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और करियर लचीलापन दोनों के लिहाज से सकारात्मक है। शिक्षाविद डॉ. सुमिता शर्मा का कहना है, बच्चों को विषयों के चयन में दूसरा मौका मिलना चाहिए। कई बार छात्र जल्दबाजी या दबाव में विकल्प चुनते हैं, बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। सीबीएसई ने यह रास्ता खोलकर शिक्षा को अधिक लचीला और मानवीय बनाया है।
क्या विद्यार्थी को कोई अतिरिक्त तैयारी करनी होगी?
यदि कोई छात्र 11वीं में गणित लेना चाहता है, तो उसे
- 10वीं के गणितीय मूलभूत सिद्धांतों में अच्छी समझ होनी चाहिए।
- स्कूल द्वारा लिए जाने वाले इंटरनल असेसमेंट या प्रवेश परीक्षा को पास करना पड़ सकता है।
- विषय चयन से पहले गणित शिक्षक या करियर काउंसलर से सलाह लेना चाहिए।
एक लचीला और समझदारी भरा निर्णय
सीबीएसई का यह फैसला स्पष्ट रूप से विद्यार्थियों को अधिक विकल्प और लचीलापन प्रदान करता है। यह नियम उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो अपने भविष्य की दिशा बदलना चाहते हैं लेकिन पुरानी विषय-चयन की बाध्यता में बंधे हुए थे।
मुख्य बिंदु संक्षेप में
- लागू सत्र : 2025-26 से
- किसे लाभ? :10वीं में बेसिक मैथ्स लेने वाले छात्र
- क्या करना होगा? : विद्यालय से पूर्व अनुमति
- बिना योग्यता के अनुमति? : नहीं, विद्यालय को योग्यता प्रमाणित करनी होगी
- विषय परिवर्तन के बाद वापसी संभव? : नहीं
यदि आप या आपके बच्चे इस स्थिति में हैं, तो अभी से गणितीय ज्ञान को मजबूत करें और विद्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त करें। सही योजना और संकल्प से आप अपने मनचाहे करियर की ओर पहला कदम मजबूती से रख सकते हैं।
