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समाज के चहुंमुखी विकास के लिए शिक्षा में भारतीय मूल्यों का समावेश आवश्यक : देवनानी 

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जयपुर. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने समाज के चहुंमुखी विकास के लिए शिक्षा में भारतीय मूल्यों के समावेश की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा कि हमारा भारतीय समाज लोकतंत्रीय व्यवस्था वाला है तथा विकास के लिए शिक्षा आवश्यक है। भारत की शिक्षा संस्कृति पर आधारित तथा मातृ भाषा में शिक्षा का प्रसार होना चाहिए।

देवनानी शनिवार को यहां राजस्थान विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र में आयोजित भारतीय शिक्षा मंडल के अखिल भारतीय अधिकारी अभ्यास वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा के प्रमुख विषयों पर अनुसंधान आधारित पुस्तक का विमोचन किया। देवनानी ने कहा कि मानव जीवन का प्रकृति के साथ सामंजस्य होना और राष्ट्रीय पुनरूत्थान के लिए शिक्षा का भारतीय मूल्यों पर आधारित होना आवश्यक है तथा इसके लिए भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान किया जाना चाहिए। भारत की संस्कृति और दर्शन दूसरे देशों से भिन्न है।

भारतीय शिक्षा में वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिन का दर्शन समाहित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार का आधार मात्र ही नही बल्कि मानव जीवन को सामर्थ्यवान और संस्कारवान बनाने वाली होनी चाहिए। समारोह को राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा, विवेकानन्द ग्लोबल विश्वविद्यालय के कुलपति विजयवीर सिंह, बीआर शंकरानन्द और शभरत शरण सिंह ने भी सम्बोधित किया। प्रारम्भ में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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