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ACB Action In Jaipur: राजस्थान में भ्रष्टाचार का नया चेहरा: सार्वजनिक निर्माण विभाग के इंजीनियर की करोड़ों की काली कमाई का पर्दाफाश!

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ACB Action In Jaipur
ACB Action In Jaipur

जयपुर. ACB Action In Jaipur: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक बार फिर बड़ा खुलासा किया है। इस बार जाल में फंसे हैं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हरिप्रसाद मीणा, जिनके खिलाफ आय से करीब 200 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एसीबी की गुरुवार को की गई छापेमारी में मीणा की लग्जऱी लाइफस्टाइल और बेनामी संपत्तियों का काला सच सामने आया है।

5 ठिकानों पर एक साथ गिरी एसीबी की रेड

एसीबी ने जयपुर और दौसा जिले में एक साथ 5 अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी, जिसमें ये लोकेशन शामिल हैं।

  • यूनिक एम्पोरिया, वीआईटी रोड, जगतपुरा, जयपुर
  • यूनिक न्यू टाउन (महिमा पनोरमा के पीछे), जगतपुरा, जयपुर
  • गांव बगड़ी, तहसील लालसोट, जिला दौसा – फार्म हाउस
  • सार्वजनिक निर्माण ऑफिस, ब्लॉक दूदू, जयपुर
  • किराए का मकान – फ्रेंड्स कॉलोनी, नरैना रोड, दूदू, जयपुर

यह छापेमारी एसीबी के डीआईजी राहुल कोटोकी के सुपरविजन में, डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा और एडीजी स्मिता श्रीवास्तव के निर्देश पर की गई।

जब खुली आलीशान जिंदगी की परतें…

जांच में जो सामने आया, वह हैरान करने वाला है।  हरिप्रसाद मीणा के पास ऐसी संपत्तियां मिली हैं जो उनके पद और वेतन से कहीं अधिक हैं:

  • दो ऑडी कारें, एक फोर्ड एंडेवर, महिंद्रा स्कॉर्पियो, और एक रॉयल एनफील्ड बाइक
  • जगतपुरा के पॉश इलाकों में तीन महंगे फ्लैट
  • दौसा के गांव बगड़ी में लग्जऱी फार्म हाउस
  • विदेश यात्राएं और 5-स्टार होटलों में रुकने के साक्ष्य
  • 19 बैंकों में अकाउंट, जिनमें करोड़ों का लेनदेन
काली कमाई की जांच में जुटी एसीबी

एसीबी अधिकारी के मुताबिक, मीणा की घोषित आय और अर्जित संपत्ति में बड़ा अंतर पाया गया है। कई दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, पासबुक्स और प्रॉपर्टी से जुड़े पेपर जब्त किए गए हैं। विशेषज्ञों की टीम अब इस पर विस्तृत मूल्यांकन कर रही है। शुरुआती संकेतों के आधार पर मामला आय से अधिक संपत्ति के तहत दर्ज होने की संभावना है।

गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है

सूत्रों के मुताबिक, यदि आगे की जांच में संपत्तियों के स्रोत का सही जवाब नहीं मिला, तो मीणा की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। इस कार्रवाई से राज्य में एक बार फिर भ्रष्ट अधिकारियों में हडक़ंप मच गया है।

 सवाल जो अब उठ रहे हैं
  • आखिर एक सरकारी इंजीनियर ने इतने कम समय में यह सब कैसे जुटाया?
  • क्या मीणा अकेले थे या कोई बड़ा नेटवर्क इस खेल में शामिल है?
  • क्या अन्य विभागों में भी ऐसे ही काले कुबेर छिपे हुए हैं?
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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