
नई दिल्ली. Operation Sindoor: पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद भारत ने जो जवाब दिया, उसने न केवल आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ दी, बल्कि पूरी दुनिया को यह भी दिखा दिया कि भारत अब किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (क्कश्य) में मौजूद आतंक के अड्डों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। ये एक सैन्य कार्रवाई भर नहीं थी, बल्कि इसके साथ-साथ भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी ऐसा प्रहार किया जिससे पाकिस्तान वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है।
डोभाल-जयशंकर पर वैश्विक कूटनीतिक मिशन की जिम्मेदारी
ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक विशेष कूटनीतिक मिशन पर निकल पड़े। डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, सऊदी अरब, यूएई, जापान और फ्रांस जैसे देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से सीधे संपर्क साधा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन बेहद सटीक था—सिर्फ आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया गया, ना ही पाकिस्तानी आम नागरिकों और ना ही सैन्य प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान पहुंचाया गया। जयशंकर ने भी अपने समकक्षों से बातचीत कर भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया। इन समन्वित प्रयासों का मकसद था – दुनिया को यह बताना कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर है और उसे वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है।
25 मिनट में दहशत के अड्डों का खात्मा
सुबह के सन्नाटे में, जब दुनिया सो रही थी, तब भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने एक साथ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच मात्र 25 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खूंखार संगठनों को निशाना बनाया गया। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, 90 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। यह हमला इतना सटीक और विनाशकारी था कि पाकिस्तान के आतंक नेटवर्क की नींव हिल गई।
“यह उकसाने की कार्रवाई नहीं, बल्कि ज़रूरी जवाब था” – विक्रम मिस्री
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस ऑपरेशन की सफाई पेश करते हुए कहा, “यह कोई उकसाने वाली कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ हमारे पास मौजूद पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर उठाया गया आवश्यक कदम था।”
दिल्ली में 13 देशों के राजदूतों को दी गई ब्रीफिंग
नई दिल्ली में उसी दिन विक्रम मिस्री ने 13 देशों के राजदूतों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। जब ब्रिटेन के प्रतिनिधि ने पूछा कि क्या किसी मस्जिद को निशाना बनाया गया, तो मिस्री ने दो टूक जवाब दिया, “हमने उस परिसर को निशाना बनाया जो आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप था।” यह जवाब भारत की पारदर्शिता और सैन्य सटीकता का प्रतीक था।
“अगर पाकिस्तान जवाब देना चाहता है, तो भारत तैयार है” पाकिस्तान की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर जब सवाल उठे तो मिस्री ने दो टूक कहा, “अगर पाकिस्तान जवाब देना चाहता है, तो भारत पूरी तरह तैयार है।” उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकवाद को अपनी धरती पर पनपने नहीं देगा।
