
नई दिल्ली. Ahmedabad Mumbai Bullet Train : मदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी खबर आई थी। कुछ रिपोट्र्स में दावा किया गया कि अब इस रूट पर जापानी बुलेट ट्रेन नहीं चलेगी। कहा गया कि इसकी जगह देश में बनी वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी। वंदे भारत को सेमी-हाई स्पीड ट्रेन कहा जाता है। इस खबर ने लोगों में भ्रम पैदा कर दिया।
रेलवे ने क्या कहा?
रेलवे मंत्रालय ने इन खबरों को झूठा बताया है। फास्ट ट्रेन कॉरिडोर और रेलवे विभाग ने साफ किया कि जापानी बुलेट ट्रेन ही चलेगी। किसी भी योजना में बदलाव नहीं किया गया है। जो समझौता जापान से हुआ था, वह जारी रहेगा। अहमदाबाद से मुंबई के बीच हाई-स्पीड कॉरिडोर पर काम तेज़ी से चल रहा है।
कहाँ तक पहुँचा काम?
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर का सूरत-बिलिमोरा सेक्शन लगभग तैयार है। इस हिस्से की लंबाई करीब 50 किलोमीटर है। यह सेक्शन प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। इसी पर सबसे पहले ट्रायल रन होगा।
वंदे भारत का क्या रोल है?
अधिकारी ने बताया कि इस साल के अंत तक वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन होगा। यह ट्रायल सूरत-बिलिमोरा सेक्शन पर होगा। 2027 तक आम लोग वंदे भारत (सिटिंग ट्रेन) में यात्रा कर सकेंगे। दो वंदे भारत ट्रेनें इस रूट पर चलेंगी। दोनों में आठ-आठ कोच होंगे। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 280 किमी/घंटा होगी। हालांकि यह 250 किमी/घंटा की रफ्तार से ही चलाई जाएगी। इससे लोगों को तेज़ यात्रा का अनुभव मिलेगा।
तो क्या बुलेट ट्रेन नहीं आएगी
रेलवे ने कहा कि वंदे भारत सिर्फ अस्थायी इंतज़ाम है। ट्रायल रन और सेक्शन टेस्टिंग के लिए वंदे भारत का इस्तेमाल होगा। अंत में पूरा प्रोजेक्ट जापानी बुलेट ट्रेन का ही रहेगा। जापानी तकनीक से बनी असली बुलेट ट्रेन ही लोगों को मिलेगी।
कीमत को लेकर क्यों हुआ विवाद
इस विवाद के पीछे कोच की कीमत का मामला भी है। लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान ने प्रोजेक्ट के समझौते के वक्त हर कोच की कीमत 16 करोड़ तय की थी। लेकिन पिछले साल जापान ने कीमत तीन गुना बढ़ा दी। अब एक कोच की कीमत करीब 50 करोड़ रुपए कर दी गई। इस हिसाब से 16 कोच की एक बुलेट ट्रेन की कीमत 800 करोड़ रुपए हो गई। इसी वजह से कुछ लोगों ने कहा कि सरकार अब जापानी बुलेट ट्रेन छोड़ सकती है।
सरकार का जवाब
सरकार ने कहा कि कीमत बढऩे के बावजूद प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नई दरों पर भी काम जारी रहेगा। फाइनेंसिंग जापान सरकार और भारत सरकार मिलकर कर रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर भारतीय कंपनियाँ बना रही हैं। तकनीक जापान से आएगी। भारत अपनी तकनीक से भी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को ट्रायल में इस्तेमाल करेगा।
कब तक चलेगी बुलेट ट्रेन
रेल मंत्रालय का दावा है कि 2030 तक अहमदाबाद से मुंबई के बीच लोग जापानी बुलेट ट्रेन में सफर कर सकेंगे। फिलहाल जिन सेक्शंस का काम पूरा होगा, वहाँ ट्रायल वंदे भारत से होगा। फाइनल ऑपरेशन बुलेट ट्रेन से ही होगा। रेलवे ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
यह भारत का सबसे तेज़ रेल प्रोजेक्ट क्यों है
- अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड कॉरिडोर भारत का पहला 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट है।
- जापानी शिंकानसेन तकनीक पर इसे तैयार किया जा रहा है।
- इसकी कुल लंबाई करीब 508 किलोमीटर है।
- ट्रेन को चलाने के लिए ई 5 सीरीज शिंकानसेन जैसा डिज़ाइन होगा।
- इसमें अत्याधुनिक सेफ्टी फीचर्स, सेस्मिक सेंसर, एयर प्रेसर कंट्रोल सिस्टम और ड्राइवरलेस ऑपरेशन क्षमता तक होगी।
कहां-कहां बन रहा स्टेशन
- प्रोजेक्ट के तहत कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे।
- अहमदाबाद, साबरमती, वडोदरा, भरुच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, ठाणे, विरार और मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स शामिल हैं।
- साबरमती स्टेशन को इंटरमॉडल हब के तौर पर विकसित किया जाएगा।
- कई जगहों पर स्टेशन के साथ मेट्रो और लोकल रेल कनेक्टिविटी जोड़ी जा रही है।
कितनी ज़मीन अधिग्रहित हो चुकी है
- नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अनुसार, 2025 की शुरुआत तक करीब 95त्न भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
- सबसे ज्यादा चुनौती महाराष्ट्र में थी, खासकर मुंबई के शहरी इलाके में।
- किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास पैकेज दिया गया है।
- कई राज्यों में टनल और ब्रिज के लिए इंजीनियरिंग सर्वे पूरा हो चुका है।
जापान से क्या मदद मिल रही है
- पूरा प्रोजेक्ट जापान की ऑफिशियल डवलपमेंट असिस्टेंस से फंड होता है।
- जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने 1.1 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया है।
- इसमें करीब 80त्न हिस्सेदारी जापानी कंपनियों की है, बाकी काम भारतीय कंपनियां कर रही हैं।
- जापान से तकनीकी ट्रेनिंग भी भारतीय इंजीनियरों को दी जा रही है।
- कुछ इंजीनियर शिंकानसेन नेटवर्क पर जाकर ट्रेनिंग ले चुके हैं।
बुलेट ट्रेन में सफर का अनुभव कैसा होगा
- बुलेट ट्रेन में सफर पूरी तरह वाइब्रेशन फ्री होगा।
- अंदर वाई-फाई, रीक्लाइनिंग सीट, कैटरिंग, स्मार्ट इंफोटेनमेंट सिस्टम, नॉइज़ कंट्रोल जैसी सुविधाएँ होंगी।
- एक ट्रेन में 750 से 800 पैसेंजर बैठ सकेंगे।
- अहमदाबाद से मुंबई की दूरी सिर्फ 2 से 2.5 घंटे में पूरी होगी।
- इसमें बिजनेस क्लास और स्टैंडर्ड क्लास कोच होंगे।
कुछ और एक्स्ट्रा फैक्ट्स
- प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपए आँकी गई है।
- भारत में बुलेट ट्रेन ट्रैक के लिए बालास्टलेस ट्रैक तकनीक इस्तेमाल हो रही है।
- 7 किलोमीटर लंबी अंडर सी टनल मुंबई में बनाए जाने की योजना है, जो बुलेट ट्रेन का खास हिस्सा होगा।
- कई जगहों पर एलिवेटेड ट्रैक है ताकि खेतों और आबादी पर कम असर पड़े।
