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Ambedaka Jayanti in Delhi: “संविधान की जय या सियासत की लड़ाई?” — आंबेडकर जयंती पर दिल्ली की राजनीति में मचा घमासान

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Delhi Cm Rekha Gupta
Delhi Cm Rekha Gupta

नई दिल्ली. Ambedaka Jayanti in Delhi: बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर दिल्ली की सियासत में तूफान सा आ गया। जहां भाजपा ने उन्हें ‘संविधान निर्माता और भारत का भाग्यविधाता’ बताया, वहीं आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा-“जो बाबा साहेब का नाम लेते हैं, वही उनके संविधान की आत्मा को कुचल रहे हैं।”

रेखा गुप्ता की भावुक श्रद्धांजलि

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर बाबा साहेब को नमन करते हुए कहा:”डॉ. आंबेडकर भारत के पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने एक ऐसा संविधान हमें दिया, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है। मैं गर्व से कहती हूं कि वे भारत के भाग्य विधाता थे।” उन्होंने संविधान को ‘देश की आत्मा’ बताया और कहा कि देश की प्रगति इसी मार्गदर्शक दस्तावेज की वजह से संभव हो रही है।

आप का तीखा पलटवार: ‘श्रद्धांजलि के पीछे छुपी है साजिश’

जहां एक ओर भाजपा ने संविधान की प्रशंसा की, वहीं आप नेताओं ने इसे दिखावा करार दिया।मनीष सिसोदिया ने सीएम गुप्ता को निशाने पर लेते हुए कहा: “रेखा गुप्ता संविधान की बातें कर रही हैं लेकिन उनके फैसले बाबा साहेब की शिक्षाओं के उलट हैं। बाबा साहेब ने शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही प्राइवेट स्कूलों को मनमानी करने की छूट दे दी।” “हमने 10 साल तक दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढऩे दी। लेकिन भाजपा ने आते ही स्कूलों को मुनाफे का अड्डा बना दिया है।”

सत्येंद्र जैन का सीधा आरोप

‘संविधान की आत्मा से विश्वासघात’ आप नेता सत्येंद्र जैन ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा: “बाबा साहेब ने समाज में समानता और शिक्षा को सबसे ऊपर रखा। लेकिन भाजपा की नीतियां शिक्षा को सिर्फ अमीरों की जागीर बना रही हैं।” उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में फीस सालाना 2 लाख रुपये तक पहुंच गई है, जिससे मिडिल क्लास भी टूट चुका है।

भाजपा नेता बोले- बाबा साहेब के रास्ते पर चल रही है मोदी सरकार

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने बयान में कहा: “बाबा साहेब का संविधान सभी को समान अधिकार देता है। प्रधानमंत्री मोदी उनके आदर्शों पर चलते हुए देश को आगे बढ़ा रहे हैं। शिक्षा, सामाजिक न्याय और समावेशिता—हमारी सरकार का मूल मंत्र है।” उन्होंने आप के आरोपों को निराधार बताया और इसे राजनीतिक ड्रामा कहा।

क्या है असली मुद्दा?

इस पूरे घटनाक्रम में जो बात सबसे ज्यादा उभरकर सामने आई, वो है -शिक्षा व्यवस्था पर टकराव। आप का कहना है कि भाजपा ने निजी स्कूलों को बेलगाम कर दिया है। भाजपा इसे ‘बेहतर शिक्षा के लिए जरूरी आर्थिक स्वतंत्रता’ कहती है। लेकिन सवाल ये है कि क्या आंबेडकर का सपना ऐसे भारत का था, जहां शिक्षा आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाए?

श्रद्धांजलि या सियासत की चतुर चाल?

इस बार की आंबेडकर जयंती सिर्फ श्रद्धांजलि का मौका नहीं रही, बल्कि एक राजनीतिक अखाड़ा बन गई। जहां एक तरफ मंच से बाबा साहेब के विचारों की दुहाई दी गई, वहीं ज़मीनी स्तर पर उन्हीं विचारों के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप भी लगे। आप और भाजपा दोनों ने बाबा साहेब को अपना बताया, लेकिन दोनों के दावे और कामों के बीच की दूरी ने जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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