
नई दिल्ली. ambedkar controversy in parliament: संसद में हुए अंबेडकर विवाद और धक्का-मुक्की कांड पर राहुल गांधी ने बीजेपी और अमित शाह पर कड़ा हमला किया। उनका कहना है कि बीजेपी और आरएसएस की संविधान विरोधी और अंबेडकर विरोधी सोच सामने आ चुकी है, और इस मामले में अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जब उनकी पार्टी कांग्रेस संसद में अडानी मामले पर चर्चा करना चाहती थी, तो बीजेपी ने उसे रोकने की कोशिश की। इसके बाद, अमित शाह का बयान आया, जिसने स्थिति को और गर्म कर दिया। राहुल ने दावा किया कि बीजेपी और आरएसएस संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को नकारने की।
क्या हुआ संसद में?
राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के अन्य सांसद अंबेडकर जी की प्रतिमा से संसद की ओर जा रहे थे, तभी बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोक लिया। खरगे ने बताया कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें धक्का दिया और उनके साथ महिला सांसदों का भी मजाक उड़ाया। खरगे ने यह भी कहा कि वह धक्का देने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन बीजेपी के सांसदों ने उन्हें रोककर अपमानित किया।
अमित शाह के बयान पर नाराजगी
इससे पहले, मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह के बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ दिए बयान को दुखदायी बताया। उन्होंने कहा कि शाह ने बिना तथ्यों के प्रेस कांफ्रेंस की और अंबेडकर जी के योगदान को नकारा। खरगे ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने नेहरू और अंबेडकर के खिलाफ जो बयान दिए, वह झूठ थे। वह कहते हैं, “अगर मुझे संसद में समय मिलता तो मैं बाबा साहेब के खत के बारे में बताता, जो उन्होंने 1952 के चुनाव पर लिखा था।”
कांग्रेस का उद्देश्य और संघर्ष
राहुल गांधी और खरगे दोनों ने यह साफ किया कि कांग्रेस का उद्देश्य संसद में कोई गड़बड़ी करना नहीं था। वे अडानी मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, और जब बीच में संविधान पर चर्चा आई तो अमित शाह ने अंबेडकर का मजाक उड़ाया। कांग्रेस ने 14 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया, और अब वे चाहते थे कि अमित शाह को प्रधानमंत्री बर्खास्त करें, लेकिन वे जानते थे कि ऐसा होने वाला नहीं है।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की सोच में संविधान को कमजोर करना और अंबेडकर जी के योगदान को मिटाना शामिल है। उनका आरोप था कि बीजेपी आरएसएस के विचारों का अनुसरण कर रही है, जो भारतीय संविधान और अंबेडकर जी के दृष्टिकोण के खिलाफ हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उनका उद्देश्य संसद में संविधान और अंबेडकर जी के योगदान पर चर्चा करना था, लेकिन बीजेपी ने उनके इस प्रयास को विफल कर दिया। इस मामले में बीजेपी की भूमिका और अमित शाह के बयान पर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर बीजेपी ने अपनी संविधान विरोधी सोच को नहीं बदला तो कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा।
