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America’s new deportation policy: सिर्फ 6 घंटे में अप्रवासी देश से बाहर! वैश्विक असर और वजहें जानें

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America's new deportation policy AI Genreted Photo
America’s new deportation policy AI Genreted Photo

वां​​शिगटन. America’s new deportation policy: अमेरिका में अप्रवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नया आदेश जारी किया है। अब किसी अप्रवासी को निर्वासित करने से पहले सिर्फ 6 घंटे पहले सूचना दी जाएगी। पहले यह अवधि 24 घंटे की थी। अब इसमें भारी कटौती कर दी गई है। इससे अप्रवासियों में दहशत का माहौल है।

आईसीई को मिली नई ताकत

यह आदेश अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट को मिला है। आईसीई अब किसी भी अप्रवासी को उसके देश के अलावा किसी तीसरे देश में भेज सकेगा। इसके लिए उस देश से कोई सुरक्षा गारंटी जरूरी नहीं होगी। नया आदेश आईसीई के कार्यवाहक निदेशक टॉड लायन्स ने जारी किया है। इसके तहत निर्वासन की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। कई लोगों को बिना तैयारी अचानक देश से बाहर भेजा जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुला रास्ता

इस नीति का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने साफ किया। जून में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के एक आदेश को पलटा था। उस आदेश के चलते कई निर्वासन रुके हुए थे। अक्सर अप्रवासी तीसरे देश में उत्पीडऩ का डर जताते थे। अब कोर्ट ने यह अड़चन हटा दी है। इसके तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन ने आठ अप्रवासियों को साउथ सूडान भेज दिया। ये लोग क्यूबा, लाओस, मैक्सिको, म्यांमार, सूडान और वियतनाम से थे।

‘खतरनाक नीति’ कह रहे विशेषज्ञ

ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि इससे अवांछित लोग जल्दी निकाले जा सकेंगे। खासकर आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों पर यह लागू होगा। लेकिन कई विशेषज्ञ इसे अमानवीय बता रहे हैं। उनका कहना है कि लोग हिंसा या उत्पीडऩ झेल सकते हैं। कई बार उन्हें ऐसे देशों में भेजा जाएगा जहाँ उनकी कोई पहचान नहीं है। कई को वहां की भाषा भी नहीं आती।

वकील ने उठाया सवाल

ट्रिना रियालमुटो नाम की वकील इस नीति के खिलाफ कोर्ट गई हैं। उनका कहना है कि यह नीति उचित प्रक्रिया के खिलाफ है। लोगों को कानूनी सुरक्षा नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि भाषा न जानने वालों को ऐसे देशों में भेजा जा रहा है। ऐसा करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

अप्रवासी समुदाय में घबराहट

नई नीति के बाद अप्रवासी समुदाय में चिंता बढ़ गई है। अब तक लोगों को निर्वासन की तैयारी के लिए समय मिलता था। लेकिन अब महज 6 घंटे में सारी चीजें समेटनी होंगी। कई परिवारों के बिछडऩे का खतरा बढ़ गया है। कई संगठन इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पर ट्रंप प्रशासन अपने फैसले पर अडिग है।

निर्णय के पीछे की वजह क्या है?

इस नीति के पीछे ट्रंप प्रशासन की मुख्य वजह है। अवैध अप्रवासियों को तेजी से निकालना। 2016 के चुनाव से ही ट्रंप का फोकस अप्रवासियों पर सख्ती रहा है। उन्होंने बार-बार कहा कि अवैध अप्रवासी अमेरिका की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं। इसलिए निर्वासन की प्रक्रिया में देरी न हो, इसके लिए नोटिस अवधि घटाई गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सरकार को यह कानूनी छूट दी। अब प्रशासन यह दिखाना चाहता है कि वह कानून व्यवस्था के मामले में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर है।

क्या यह सिर्फ आपराधिक अप्रवासियों के लिए है?

सरकार कहती है कि यह नीति आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों पर ज्यादा लागू होगी। ऐसे लोग जो गंभीर अपराधों में शामिल हैं। पर विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बात आधी सच्चाई है। वास्तव में ऐसे लोग भी चपेट में आ सकते हैं जो सिर्फ कागजों की कमी या वीजा उल्लंघन के कारण फंसे हैं। इनमें महिलाएं, बच्चे और राजनीतिक शरणार्थी भी शामिल हैं। इसलिए मानवाधिकार समूह इसे अव्यावहारिक और अमानवीय बता रहे हैं।

निर्णय किस आधार पर लिया गया?

यह आदेश आईसीई के एक आंतरिक आकलन के बाद आया। इसमें कहा गया कि लंबी नोटिस अवधि से कई बार लोग फरार हो जाते हैं। या कोर्ट में अपील दायर कर प्रक्रिया को लंबा खींच देते हैं। नया आदेश इस ‘गैप’ को बंद करेगा। आईसीई का कहना है कि 6 घंटे में सूचना देने से अप्रवासी चुपचाप निर्वासन में सहयोग करेंगे। इससे अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या घटाई जा सकेगी।

वैश्विक संबंधों पर क्यों असर पड़ेगा?

कई देशों के साथ अमेरिका के संबंधों में खटास आ सकती है। अगर अमेरिका बिना सहमति किसी तीसरे देश में अप्रवासी भेजता है तो उस देश की सरकार आपत्ति दर्ज कर सकती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई अप्रवासी भारत से नहीं है लेकिन उसे भारत भेजा जाता है तो भारत सरकार को वह मंजूर नहीं होगा। ऐसे में राजनयिक तनातनी बढ़ सकती है। विशेषकर विकासशील और गरीब देशों पर बोझ ज्यादा पड़ेगा। इन देशों के पास पहले से संसाधन सीमित हैं। अगर उन्हें बिना योजना अप्रवासी लेने पड़ेंगे तो सुरक्षा संकट पैदा होगा।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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