
नई दिल्ली. Amit Shah Ambedkar Statement: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेताओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से नोटिस भेजे गए हैं। यह नोटिस उन वीडियो क्लिप्स को लेकर है, जिन्हें कांग्रेस के कुछ नेताओं ने 17 दिसंबर को राज्यसभा में अमित शाह के भाषण से शेयर किया था।
नोटिस में क्या है?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, X प्लेटफॉर्म को साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर से नोटिस मिला है, जिसमें कुछ कंटेंट को हटाने का आदेश दिया गया है। इन क्लिप्स को लेकर आरोप है कि वे भारत के कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि, इस नोटिस की पुष्टि साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर और X दोनों ने अभी तक नहीं की है। X ने कांग्रेस को भेजे गए नोटिस में कहा कि प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है, लेकिन अगर कंटेंट कानून के खिलाफ होता है, तो उसे हटाना जरूरी होता है।
विवाद की जड़: आंबेडकर पर शाह का बयान
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 17 दिसंबर को राज्यसभा में दिए गए भाषण का एक वीडियो शेयर किया। इस भाषण में अमित शाह ने संविधान के 75 साल पूरे होने पर हो रही बहस में डॉ. बी आर आंबेडकर का उल्लेख किया था। शाह ने विपक्ष को आंबेडकर के विचारों का हवाला देते हुए घेरने की कोशिश की थी, जिसके बाद विपक्ष ने बीजेपी और अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और अमित शाह का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया।
अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार
इस पूरे विवाद पर अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके बयान को गलत तरीके से पेश कर रही है और दुष्प्रचार फैला रही है। उन्होंने कांग्रेस पर आंबेडकर और आरक्षण के खिलाफ होने का भी आरोप लगाया।
इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अमित शाह के समर्थन में आ गए। 18 दिसंबर को एक एक्स पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “अमित शाह ने संसद में आंबेडकर के अपमान का एक काला अध्याय उजागर किया है। कांग्रेस के आंबेडकर विरोधी कर्मों की लंबी सूची है, जिसमें उन्हें चुनावों में दो बार हराने का भी जिक्र है।”
