असम. Assam Coal Mine Accident: दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान में फंसे नौ श्रमिकों को बचाने के प्रयास अब भी जारी हैं। सोमवार को खदान में पानी भरने के कारण ये श्रमिक अंदर फंस गए थे, और अब पानी का स्तर करीब 100 फीट तक बढ़ चुका है, जिससे उनके सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीदें और भी कम हो गई हैं।
अवैध खदान का मामला, एक व्यक्ति गिरफ्तार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सर्मा ने मंगलवार को बताया कि इस घटना में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने संकेत दिए कि यह खदान अवैध हो सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उमरंगसो क्षेत्र में हुई इस घटना को लेकर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम पुनीश नुनिसा है।
पानी का स्तर बढ़ा, कोई श्रमिक बाहर नहीं आया
जिले के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार से बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब तक खदान से किसी भी श्रमिक को बाहर नहीं निकाला जा सका है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है।
एनडीआरएफ और सेना ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 35 सदस्यीय टीम और सेना के जवानों ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया है। इन टीमों में गोताखोर और सैपर्स सहित विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो खदान के अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ राहत कार्य में जुटे हुए हैं। इसके अलावा, नौसेना के गोताखोरों को भी स्थानीय अधिकारियों की मदद के लिए बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री ने सेना को धन्यवाद दिया
मुख्यमंत्री ने बचाव कार्यों में मदद के लिए सेना और असम राइफल्स का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “इस त्वरित प्रतिक्रिया के लिए हम सेना के आभारी हैं। हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं ताकि हमारे श्रमिक सुरक्षित बाहर आ सकें।”
श्रमिकों की पहचान और स्थिति
अधिकारियों के अनुसार, खदान के अंदर लगभग 15 श्रमिक थे, जिनमें से नौ श्रमिकों का नाम सामने आया है। ये श्रमिक हैं: गंगा बहादुर श्रेथ, हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सरपा बर्मन, मुस्तफा शेख, खुशी मोहन राय, संजीत सरकार, लिजान मगर और सरत गोयारी। इन श्रमिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
राहत कार्य तेज़
खदान के अंदर पानी को निकालने के लिए दो मशीनें भी लगाई गई हैं, ताकि पानी का स्तर कम किया जा सके और श्रमिकों तक पहुंचने में मदद मिल सके। हालांकि, बचाव अभियान में चुनौतियां बनी हुई हैं क्योंकि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।