
ढाका. Bangladesh-China: बांग्लादेश में राजनीतिक हलचलें तेज हो चुकी हैं, खासकर शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद। इस बदलाव के साथ, भारत विरोधी गतिविधियाँ अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं, और इनका नेतृत्व मोहम्मद यूनूस की अंतरिम सरकार द्वारा किया जा रहा है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इस सरकार को पाकिस्तान और चीन का समर्थन मिल रहा है, जो भारत के खिलाफ साजिशों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, चीन की रणनीति भारत को घेरने के उद्देश्य से बांग्लादेश को अपने प्रभाव में लाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांग्लादेश के कट्टरपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी से भी संपर्क किया है, जिससे एक नई भू-राजनीतिक चुनौती खड़ी हो सकती है।
बांग्लादेश का चीन से ‘विगोरस ड्रैगन’ J-10C फाइटर जेट्स खरीदने का कदम
बांग्लादेश अब अपने पुराने लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने की योजना बना रहा है, और इसके लिए उसने चीन से J-10C ‘विगोरस ड्रैगन’ फाइटर जेट्स खरीदने का फैसला लिया है। यह कदम बांग्लादेश की बढ़ती सैन्य जरूरतों और उसके रक्षा क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यूनूस सरकार के तहत बांग्लादेश चीन के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की कोशिश में है। यह सब भारतीय सुरक्षा के लिए एक नई चिंता पैदा करता है, क्योंकि यह चीन की व्यापक रणनीति का हिस्सा बनता नजर आता है।
बांग्लादेश वायु सेना की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा
बांग्लादेश वायु सेना (BAF) के पास पुराने F-7MG और MiG-29 जैसे विमान हैं, जो अब तकनीकी रूप से अप्रचलित हो चुके हैं। इसके कारण, बांग्लादेश को अपने विमान बेड़े को अपग्रेड करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। हाल ही में एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान की चीन यात्रा से यह स्पष्ट हो गया है कि बांग्लादेश मल्टी-रोल फाइटर जेट्स और अटैक हेलीकॉप्टर्स खरीदने के लिए सक्रिय है। इन विमानों की खरीदारी से बांग्लादेश अपनी वायु सेना की क्षमता को अगले स्तर तक ले जाने की योजना बना रहा है।
चीन की भूमिका: बांग्लादेश का प्रमुख रक्षा साझेदार
चीन अब बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान के बाद दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है। 2006 से 2013 तक, चीन ने बांग्लादेश को 16 F-7MG फाइटर जेट्स, टैंक, जहाज और मिसाइल प्रदान किए हैं। अगर बांग्लादेश J-10C विमान खरीदता है, तो इसकी वायु सेना की ताकत में एक बड़ी छलांग लगेगी। इस कदम से चीन के साथ बांग्लादेश के सैन्य रिश्तों में और भी मजबूती आएगी, जिससे भारत की सुरक्षा रणनीतियों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
भारत के लिए संभावित भू-राजनीतिक खतरा
हालांकि यह समझौता अभी शुरुआती चरणों में है और इसे लागू होने में कुछ साल लग सकते हैं, लेकिन यह संकेत देता है कि बांग्लादेश और चीन के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी भारत के लिए एक गंभीर भू-राजनीतिक चुनौती बन सकती है। यदि बांग्लादेश चीन से J-10C फाइटर जेट्स खरीदता है, तो यह भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है, क्योंकि भारत के लिए चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति पहले ही एक बड़ी चिंता का विषय है। अगर यह सौदा आगे बढ़ता है, तो पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश दक्षिण एशिया का दूसरा देश बन जाएगा, जो चीनी लड़ाकू विमानों का संचालन करेगा।
इस स्थिति में भारत को अपनी सैन्य और कूटनीतिक तैयारियों को मजबूती से आगे बढ़ाने की आवश्यकता होगी, ताकि वह इस नए भू-राजनीतिक समीकरण से निपटने के लिए तैयार रहे।
