बरेली. Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर ने आयुष्मान योजना से इलाज करवाने वाली महिला मरीज को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। यह घटना दीपमाला अस्पताल में हुई, जहां डॉक्टर ने मरीज को न केवल इलाज से इनकार किया, बल्कि उसे आईसीयू से धक्के मारकर बाहर भी निकाल दिया। इस दर्दनाक घटनाक्रम के बाद महिला की दिल्ली ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
डॉक्टर का आरोप: “आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं, यह धोखा है”
यह मामला 7 नवंबर को सामने आया, जब शाहजहांपुर के मिर्जापुर निवासी विजय लक्ष्मी को ब्रेन स्ट्रोक के बाद दीपमाला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विजय लक्ष्मी के बेटे मोहन गोविंद गुप्ता ने आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इलाज करवाने की बात डॉक्टर से की, लेकिन डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने इलाज से इनकार करते हुए कहा कि “आयुष्मान कार्ड से इलाज करने का कोई फायदा नहीं है, यह एक धोखा है।” डॉक्टर ने न केवल उन्हें बदतमीजी से जवाब दिया, बल्कि यह भी कहा कि “आपने सरकारी अस्पताल क्यों नहीं जा लिया? वहां नेताओं और डॉक्टरों के हाथों बजट उड़ता है, वहां चूरन और चटनी मिलती है, दवाइयां नहीं।”
आयुष्मान कार्ड से इलाज की उम्मीद टूटी
मोहन गोविंद गुप्ता ने मीडिया से बताया कि उन्होंने डॉक्टर से यह कहा कि उनका आयुष्मान कार्ड है और वह इस योजना के तहत इलाज करवाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर ने किसी भी तरह से उनकी मदद करने का मन नहीं बनाया। अगले दिन, जब उनके पास पैसे खत्म हो गए, तो डॉक्टर ने और भी आपत्तिजनक बातें कहीं और इलाज देने से मना कर दिया। वीडियो में डॉक्टर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “तुम बाहर जाओ, छह हजार रुपये का इंजेक्शन लेकर दिखाओ और शिकायत कर दो।”
रास्ते में महिला की मौत
पैसों की कमी और डॉक्टर के नकारात्मक रवैये के बावजूद, मरीज के बेटे ने उसे दिल्ली के एक अस्पताल में ले जाने का निर्णय लिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, रास्ते में महिला की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
जांच के आदेश
इस मामले के बाद, जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को जांच के निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने कहा कि दीपमाला अस्पताल को आयुष्मान योजना से निलंबित करने की संस्तुति की जा रही है। इस जांच को एसीएमओ डॉ. राकेश और डॉ. लईक अहमद अंसारी को सौंपा गया है। जांच अधिकारियों के मुताबिक, मामले में अब तक की जानकारी के आधार पर आरोप सही प्रतीत होते हैं और घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहरी जांच की जा रही है।
