
नई दिल्ली. Bipin Rawat Helicopter Crash: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 12 अन्य लोगों की जान लेने वाली MI-17V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना के तीन साल बाद एक नई रिपोर्ट सामने आई है। संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट ने इस दुर्घटना को “मानवीय भूल” (human error) के कारण हुए हादसे के रूप में चिन्हित किया है।
रिपोर्ट में क्या था?
8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास यह दुर्घटना हुई थी, जब जनरल रावत और अन्य सैन्यकर्मी एक सैन्य हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे। संसद में मंगलवार को पेश की गई रिपोर्ट में रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने भारतीय वायुसेना की विमान दुर्घटनाओं का आंकड़ा साझा किया। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि 2021-22 में नौ और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं हुईं।
रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा
रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटनाओं के कारणों में से एक प्रमुख कारण “मानवीय भूल” बताया गया है। खासतौर पर, 8 दिसंबर, 2021 की दुर्घटना को “HE(A)” यानी “मानवीय भूल (एयरक्रू)” के कारण माना गया है। इस मामले में कुल 34 दुर्घटनाओं की जांच की गई थी, जिनमें Mi-17 हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया गया था।
दुर्घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए गए कदम
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने इस दुर्घटना के बाद कई सुधारात्मक उपायों की सिफारिश की है। इन उपायों में प्रक्रिया, कार्यप्रणाली, प्रशिक्षण, उपकरण, संस्कृति, संचालन, रखरखाव और प्रशासन की समग्र समीक्षा शामिल है। मंत्रालय ने वायुसेना प्रमुख द्वारा निर्धारित सभी उपायों को प्रभावी और बाध्यकारी बताते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश उपायों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि कुछ पर अब भी काम चल रहा है।
क्या है आगे की योजना?
मंत्रालय के अनुसार, इन सुधारात्मक उपायों का उद्देश्य भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना है, ताकि सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि, रिपोर्ट के बाद भी यह सवाल उठता है कि क्या इन “मानवीय भूलों” के कारण ऐसी जानलेवा घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सकता है।
