
One Nation One Election: लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (ONOE) विधेयक पेश किया, जिसके बाद सदन में तीखी बहस और हंगामे का माहौल बना। विपक्ष ने इस विधेयक को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया। इसके बाद, विधेयक पर वोटिंग कराई गई, जिसमें कुल 269 सांसदों ने इसे समर्थन दिया, जबकि 198 सांसदों ने इसके खिलाफ मत दिया। यह वोटिंग इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के माध्यम से की गई।
हालांकि, इस वोटिंग के दौरान बीजेपी के कई वरिष्ठ सांसद लोकसभा में अनुपस्थित रहे, जिनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गिरिराज सिंह शामिल थे। इन सांसदों को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है, क्योंकि उन्होंने पार्टी द्वारा जारी किए गए तीन लाइन व्हिप का उल्लंघन किया। एएनआई के सूत्रों के अनुसार, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अनुपस्थित रहे सांसदों ने पार्टी को अपनी गैरमौजूदगी के बारे में पूर्व सूचना दी थी या नहीं।
ये सांसद रहे अनुपस्थित
लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे प्रमुख भाजपा सांसदों में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीआर पाटिल के अलावा लगभग 20 अन्य सांसद भी शामिल थे। इनके अलावा, शांति ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयराजे भोंसले, जगन्नाथ सरकार, जयंत कुमार रॉय, वी सोमन्ना और चिंतामणि महाराज भी उपस्थित नहीं थे।
विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजा जाएगा
भले ही विधेयक के पेश होने से पार्टी को कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध कर चर्चा का एक और मुद्दा पैदा कर दिया। कांग्रेस, सपा और एनसीपी ने इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की मांग की है। अब यह विधेयक संसद की संयुक्त समिति में विचार-विमर्श के लिए भेजा जाएगा।
विपक्ष का विरोध
लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट) समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जो दल एक साथ 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं करवा सके, वे पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात कर रहे हैं। वहीं, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया।
कांग्रेस का कड़ा विरोध
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इसके माध्यम से राष्ट्रपति को अतिरिक्त शक्तियां मिलेंगी, जिसके तहत वह विधानसभा को भंग कर सकते हैं। गोगोई ने कहा कि 2014 के चुनावों में 3700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और अब इस विधेयक को लेकर असंवैधानिक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम इस विधेयक का विरोध करते हैं और इसे जेपीसी के पास भेजने की मांग करते हैं।”
टीडीपी का समर्थन
वहीं, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि अगर देश में एक साथ चुनाव होते हैं तो इससे सरकारी खर्चों में 40 प्रतिशत तक की बचत हो सकती है, और हर राजनीतिक दल को भी इस मामले में आर्थिक लाभ होगा।
