नई दिल्ली/काठमांडू/ल्हासा. Breaking News: मंगलवार सुबह, भारत, नेपाल, तिब्बत और बांग्लादेश में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोग घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए और सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े।
भूकंप का केंद्र और तिब्बत में तबाही
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, नेपाल और भारत के सिक्किम की सीमा से लगे चीन के तिब्बत क्षेत्र में सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से करीब 91 किलोमीटर दूर था। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, तिब्बत में अब तक 32 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप से तिब्बत में भारी तबाही मच गई है और कई इमारतें गिर गई हैं।
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नेपाल और भारत में भी महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके नेपाल, भारत, भूटान और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा दिल्ली एनसीआर, पश्चिम बंगाल और बिहार में भी कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग भयभीत हो गए। फिलहाल, भारत में जान-माल की हानि के बारे में कोई बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है।
सिलसिलेवार झटके, तिब्बत में कई बार हिली धरती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिब्बत में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि सुबह करीब 7:00 बजे, दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग इलाके में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद, थोड़ी-थोड़ी देर में और भी झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दक्षिणी ईरान में भी भूकंप के झटके
इसके अलावा, दक्षिणी ईरान में भी रात के समय भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई और इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में था। ईरान में भी इस भूकंप से लोग डर गए और एक बार फिर से भूकंप की दहशत फैल गई।
2015 में नेपाल में मची थी भारी तबाही
यह पहली बार नहीं है जब नेपाल में बड़े भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूकंप ने काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी। उस भूकंप की तीव्रता 7.8 थी, और लगभग 9,000 लोग मारे गए थे। नेपाल भूवैज्ञानिक रूप से भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन के क्षेत्र में स्थित है, जिसके कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
अभी स्थिति पर नजर
भूकंप के ताजा झटकों से क्षेत्र में बुरी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, और राहत व बचाव कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है। भूकंप के बाद राहत कार्यों की दिशा में अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर अधिकारियों द्वारा रणनीतियों पर काम किया जा रहा है।
सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें!
स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों ने लोगों से सावधानी बरतने और किसी भी आपातकालीन स्थिति में संवेदनशील स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।