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Change in wheat storage limit: जमाखोरी पर कड़ी नजर और कीमतों में राहत, जानिए इस फैसले के पीछे की वजह

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wheat storage limit
Change in wheat storage limit: केंद्र सरकार ने गेहूं भंडारण सीमा में कटौती करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य जमाखोरी पर काबू पाना और गेहूं की कीमतों को स्थिर रखना है। यह कदम सरकार ने गेहूं की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने और मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उठाया है।
नई भंडारण सीमा क्या है?
केंद्र सरकार ने थोक और खुदरा व्यापारियों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा को घटाने का फैसला किया है। थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा अब 1,000 मीट्रिक टन से अधिक नहीं हो सकेगी, जबकि पहले यह 2,000 मीट्रिक टन थी। वहीं, खुदरा व्यापारियों के लिए यह सीमा 50 मीट्रिक टन कर दी गई है, जो पहले 100 मीट्रिक टन थी।
जमाखोरी पर अंकुश
सरकार का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य जमाखोरी और मनोबल सट्टेबाजी पर लगाम लगाना है। भले ही गेहूं का पर्याप्त भंडार हो, लेकिन जमाखोरों की गतिविधियों के कारण मूल्य वृद्धि होती है। नई भंडारण सीमा से यह सुनिश्चित होगा कि आवश्यक गेहूं हमेशा बाजार में उपलब्ध रहे और कीमतों में स्थिरता बनी रहे।
पंजीकरण और रिपोर्टिंग की नई प्रक्रिया
व्यापारियों को अब अपने गेहूं भंडार का पंजीकरण सरकारी पोर्टल ‘स्टॉक लिमिट पोर्टल’ पर कराना होगा और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी अपडेट करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ाना और निगरानी को आसान बनाना है।
नियमों का उल्लंघन सख्त सजा के तहत
यदि कोई व्यापारी भंडारण सीमा का उल्लंघन करता है या पंजीकरण में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, जिन व्यापारियों के पास नई सीमा से अधिक भंडार है, उन्हें 15 दिनों के भीतर अपने भंडारण को कम करने का आदेश दिया गया है।
रबी सीजन में गेहूं उत्पादन
रबी 2024 के दौरान गेहूं का उत्पादन 1,132 लाख मीट्रिक टन दर्ज किया गया है, जिससे गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति का संकेत मिलता है। सरकार का कहना है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है, और यह कदम गेहूं के भंडारण में पारदर्शिता और मूल्य नियंत्रण बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
कीमतों में स्थिरता की उम्मीद
सरकार ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को निर्देश दिया है कि वह गेहूं की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखे और यह सुनिश्चित करे कि कीमतों में स्थिरता बनी रहे। इस कदम से मूल्य वृद्धि पर काबू पाया जा सकता है, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गेहूं उपलब्ध कराया जा सकेगा।
उपभोक्ताओं को राहत की संभावना
इस फैसले से जमाखोरी पर रोक लगेगी और कीमतों में गिरावट की संभावना बन सकती है, जिससे आम जनता को सस्ते और आसानी से उपलब्ध गेहूं का फायदा मिल सकता है। कुल मिलाकर, यह कदम मूल्य नियंत्रण और संतुलित आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे भारतीय बाजार में गेहूं के दाम पर स्थिरता आएगी।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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