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Chess king: डी गुकेश: शतरंज के बादशाह, जो सबसे कम उम्र में बने चैंपियन, PM मोदी ने की तारीफ

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D Gukesh
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सिंगापुर. Chess king: भारतीय शतरंज के सुपरस्टार डी गुकेश ने 18 साल की उम्र में एक नया इतिहास रचते हुए विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीता। गुरुवार को, उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। यह जीत उन्हें 7.5 अंक दिला गई, जबकि लिरेन केवल 6.5 अंक तक पहुंच पाए।
गुकेश की यह जीत न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि एक नए युग की शुरुआत भी है, क्योंकि वह इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड रूस के गैरी कास्पारोव के पास था, जिन्होंने 1985 में 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।
गुकेश का अविश्वसनीय सफर
डी गुकेश का जन्म 6 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था। महज 7 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में कदम रखने वाले गुकेश ने चौथी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, ताकि वह अपने शतरंज के सपने को पूरा कर सकें। उनके पिता डोमाराजू एक ईएनटी सर्जन हैं और मां पद्मा माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया।
क्या मिलेगा उन्हें इनाम?
गुकेश की इस शानदार जीत के बाद उन्हें 11 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिल सकती है। उनकी कुल नेटवर्थ अब लगभग 20 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा, उन्हें शतरंज टूर्नामेंट्स और ब्रांड्स के विज्ञापनों से भी शानदार कमाई हो रही है।

PM मोदी का सलाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुकेश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “ऐतिहासिक और अनुकरणीय! गुकेश को उनकी शानदार उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अडिग संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।”  गुकेश ने इस पर खुशी जताते हुए कहा, “यह वह पल है जिसका मैं पिछले 10 वर्षों से सपना देख रहा था। मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी, लेकिन फिर मुझे एक मौका मिला और मैंने उसे पकड़ा।”
डी गुकेश के करियर की कुछ प्रमुख उपलब्धियां
  • 2024 पेरिस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट: विजेता (अब तक के सबसे कम उम्र के चैंपियन)
  • 2023 FIDE सर्किट: दूसरा स्थान, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए योग्य
  • 2022 शतरंज ओलंपियाड: पहले बोर्ड पर स्वर्ण पदक, भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही
  • 2022 ऐम्चेस रैपिड: विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने
  • 2021 जूलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर: विजेता
  • 2018 विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप: विजेता (अंडर-12 वर्ग)
गुकेश की यह जीत केवल उनकी सफलता का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हुई है। अब वह विश्व शतरंज के मानचित्र पर एक नए सितारे के रूप में चमक रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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