
डूंगरपुर (राजस्थान).Cm dungarpur visit: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डूंगरपुर जिले के खेरमाल स्थित श्री जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर के जीर्णोद्धार महोत्सव में हिस्सा लिया और राज्य के धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राज्य सरकार के विकासात्मक दृष्टिकोण को साझा किया और कहा कि राजस्थान में जनजातीय पर्यटन सर्किट को विकसित किया जाएगा, जिसमें त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ धाम, बेणेश्वर धाम, सीतामाता अभयारण्य, ऋषभदेव, गौतमेश्वर मंदिर, मातृकुंडिया जैसे प्रमुख तीर्थ स्थल शामिल होंगे।
सनातन संस्कृति का संरक्षण और विकास
मुख्यमंत्री ने अपनी बातों की शुरुआत करते हुए कहा कि मंदिर सनातन संस्कृति की आत्मा हैं और इन धार्मिक स्थलों के माध्यम से भारत की आध्यात्मिक धरोहर का प्रचार-प्रसार हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे सांस्कृतिक पुनर्निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा और महाकुंभ में सनातन संस्कृति के संगम के जरिए भारत ने वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिकता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की धरती भी भक्ति और अध्यात्म की पावन भूमि है और यहां के तीर्थ स्थलों का महत्व सदियों से श्रद्धालुओं के लिए निर्विवाद रहा है।

विकास भी और विरासत भी की संकल्पना को बढ़ा रहे आगे आगे
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के विकास भी और विरासत भी के सिद्धांत को लेकर राज्य सरकार की योजनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार आगामी बजट में जनजातीय तीर्थ स्थलों को पर्यटन सर्किट में जोडऩे की योजना बना रही है, ताकि इन स्थानों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं, जैसे कि खाटूश्याम जी मंदिर, ब्रह्मा मंदिर (पुष्कर), और रणछोडऱाय खेड तीर्थ का विकास।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा की सुविधा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा योजना के तहत आगामी वर्ष में 6,000 वरिष्ठ नागरिकों को हवाई मार्ग से और 50,000 नागरिकों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी। इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किया है। साथ ही, मंदिरों के पुजारियों और भोग राशि को बढ़ाकर श्रद्धालुओं और पुजारियों के मान-सम्मान को सुनिश्चित किया जाएगा।

आदिवासी कल्याण और विकास की दिशा में ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की आदिवासी कल्याण योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के नायकों की पहचान को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्मारकों का निर्माण करवाया जा रहा है, जैसे कि डूंगरपुर में डूंगर-बरंडा स्मारक और बांसवाड़ा में बांसिया चरपोटा स्मारक। इसके अलावा, आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने छात्रावासों की संख्या में वृद्धि की है और नई आवासीय विद्यालयों का निर्माण कर रही है। राज्य सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में आश्रम छात्रावासों और मां-बाड़ी केंद्रों की संख्या में वृद्धि करने के साथ-साथ कर्मचारियों के मानदेय में भी वृद्धि की है।
वागड़ क्षेत्र का विकास प्राथमिकता पर
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार डूंगरपुर सहित प्रदेश के 15 शहरों में रिंग रोड का निर्माण कर रही है, जिससे ट्रैफिक की समस्या को हल किया जा सकेगा और आसपास के इलाके भी विकासित होंगे। इसके अलावा, डूंगरपुर में बालिकाओं के लिए महाविद्यालय स्तर का छात्रावास और महाविद्यालय निर्माण कार्य भी शुरू किया जा रहा है।
कृषि और जल प्रबंधन में सुधार
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर में किसानों की सुविधा के लिए कृषि उपज मंडी के निर्माण की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने जल संसाधन प्रबंधन को बेहतर करने के लिए सोम-कमला-अंबा बांध से पानी की आपूर्ति और मोरन नदी को पुनर्जीवित करने के कार्यों का जिक्र किया, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के लिए एक लाख सरकारी नौकरियों का लक्ष्य रखा है, और अब तक 60 हजार से अधिक नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। इसके साथ ही, परीक्षा कलेण्डर की घोषणा भी की गई है, जिससे युवाओं को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से नौकरी मिलने में आसानी होगी।
इस अवसर पर कई प्रमुख जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिनमें जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, विधायक शंकर डेचा और अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का डूंगरपुर दौरा राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। राज्य सरकार की योजनाओं से न केवल जनजातीय पर्यटन सर्किट को नया आकार मिलेगा, बल्कि आदिवासी समाज और अन्य वर्गों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, जिससे राजस्थान में संतुलित और समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।
