
जयपुर. Cm Pali visit: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीहरि विष्णु जगत के पालनहार हैं और श्री विष्णु महायज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान का एक महान माध्यम है। उन्होंने कहा कि यज्ञ के द्वारा प्राप्त होने वाली ईश्वरीय कृपा हमें धर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग पर अग्रसर करती है। यह राष्ट्र और समाज के कल्याण की भावना से प्रेरित एक उत्कृष्ट कार्य है।
मुख्यमंत्री शर्मा रविवार को पाली के गुडा मांगलियान (देसूरी) स्थित श्री कृष्ण धाम में श्री विष्णु महायज्ञ और श्री कृष्ण धाम के मुख्य प्रवेश द्वार के उद्घाटन समारोह में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संतों की वाणी में वह अद्भुत शक्ति होती है जो पापियों को भी पवित्र बना सकती है। संतों का दर्शन और सत्संग आत्मा के शुद्धिकरण का सर्वोत्तम साधन है, जो समाज को धर्म, संस्कृति और संस्कारों की ओर प्रेरित करता है।
महाकुंभ और सांस्कृतिक समृद्धि का महत्व
मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को भारत की महान सनातन संस्कृति को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे मजबूत संस्कृति भारत की है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति का पुनरुद्धार किया जा रहा है। अयोध्या के भव्य राम मंदिर का निर्माण और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा इसके प्रतीक हैं, जिसके बाद अयोध्या फिर से अध्यात्म और संस्कृति का प्रमुख केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हाल में हुए महाकुंभ ने दुनिया को भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश दिया है।

प्रदेश सरकार का सांस्कृतिक उत्थान में योगदान
शर्मा ने आगे कहा कि राज्य सरकार सांस्कृतिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बजट में प्रदेश के मंदिरों के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए 161 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा की सुविधा देने के लिए हवाई मार्ग और एसी ट्रेन से यात्रा करवाने की योजना बनाई गई है। बजट में पुजारियों के मानदेय को बढ़ाकर 7,500 रुपये और मंदिरों में भोग राशि को 3,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार लगभग 600 मंदिरों में विशेष साज-सज्जा और आरती कार्यक्रमों का आयोजन भी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने किए विविध उद्घाटन और अनुष्ठान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर श्री कृष्ण धाम के मुख्य प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया और मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। साथ ही, उन्होंने श्री विष्णु महायज्ञ में आहुति दी और गौ सेवा भी की।

इस कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी, गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, सांसद पीपी चौधरी, विधायक पुष्पेन्द्र सिंह, श्रीचंद कृपलानी, केसाराम चौधरी, शोभा चौहान, हमीर सिंह भायल, छगनसिंह राजपुरोहित समेत अन्य जनप्रतिनिधि, साधु-संत और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के इस दौरे ने प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को एक नई दिशा देने का संकेत दिया है, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर भी समृद्ध होगी।
