
नागपुर. Curfew in Nagpur: औरंगजेब की मजार को हटाने के विरोध में हुए बड़े प्रदर्शन के बाद नागपुर में हिंसा भड़क उठी, जिससे प्रशासन को कर्फ्यू लागू करने का निर्णय लेना पड़ा। यह कर्फ्यू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत कई इलाकों में लागू किया गया है। यह पाबंदी तब तक जारी रहेगी, जब तक कि प्रशासन द्वारा कोई नया आदेश नहीं दिया जाता।
कर्फ्यू के तहत प्रभावित इलाके
कर्फ्यू को नागपुर शहर के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लागू किया गया है, जिनमें लकडग़ंज, पाचपावली, कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, सक्करदारा, नंदनवन, शांति नगर, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस के अतिरिक्त दल तैनात किए गए हैं।
हिंसा की शुरुआत और कारण
17 मार्च 2025 को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लगभग 200 सदस्य महल क्षेत्र में स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए। उनका प्रदर्शन औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग को लेकर था। यह प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता गया। प्रदर्शनकारियों ने न केवल सड़क पर चक्का जाम किया, बल्कि औरंगजेब की मजार हटाने की मांग करते हुए आपत्तिजनक नारेबाजी भी की।
करीब 7:30 बजे, एक और समूह करीब 80 से 100 लोग भलदारपुरा इलाके में एकत्रित हुए, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया। इस कारण सार्वजनिक व्यवस्था में खलल पड़ा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके बाद प्रशासन ने कफ्र्यू लागू करने का फैसला लिया और इस क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
कर्फ्यू के आदेश के तहत पाबंदियां
नागपुर पुलिस द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू के दौरान किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी, सिवाय चिकित्सा कारणों के। इसके अलावा, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि एक स्थान पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते। इसके साथ ही अफवाह फैलाने और उकसाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस को प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें बंद करने और नागरिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार के अव्यवस्था फैलाने वाले कार्यों पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत सजा का प्रावधान है।
हिंसा का विस्तार और पुलिस की प्रतिक्रिया
नागपुर के हंसा पुरी इलाके में स्थिति और बिगड़ गई, जब अज्ञात व्यक्तियों के एक समूह ने दुकानों को तोड़ दिया, वाहनों में आग लगा दी और पत्थरबाजी शुरू कर दी। यह हिंसा उस समय शुरू हुई, जब महल क्षेत्र में दो समूहों के बीच पहले ही एक झड़प हो चुकी थी, जिससे पूरे शहर में तनाव बढ़ गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक मास्क पहने हुए समूह ने दुकानें तोड़ीं, वाहनों को आग लगाई और आसपास के लोगों को डराया। उन्होंने पत्थर फेंके और पूरे क्षेत्र में आतंक फैला दिया।
पुलिस का बयान और स्थिति पर नियंत्रण
पुलिस कमिश्नर रविंदर कुमार सिंगल ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा, “अब स्थिति शांतिपूर्ण है। कुछ लोगों ने एक फोटो जलाया, उसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। हमने तुरंत कार्रवाई की और प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए उनका प्रतिनिधिमंडल भी आया था। हमनें उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने हिंसा के विवरण पर कहा, “घटना लगभग शाम 8-8:30 बजे के आसपास हुई। हम नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। अब तक दो वाहन जलाए गए हैं और पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं। पुलिस के द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और आरोपियों की पहचान की जा रही है।”
कमिश्नर ने आगे कहा, “हमने शहर में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे लोग अनावश्यक बाहर नहीं निकल सकें। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और शांतिपूर्ण तरीके से स्थिति को संभालने में प्रशासन का सहयोग करें।”
प्रशासन की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था
नागपुर में प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, नागरिकों से यह भी अपील की गई है कि वे किसी भी अफवाह या झूठी जानकारी पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। अधिकारियों का कहना है कि कर्फ्यू के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पूरे शहर में विशेष ध्यान रखा जाएगा।
