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Dara Tunnel in Kota: भारत की सबसे लंबी 8-लेन सुरंग बनकर तैयार: मुकुंदरा की पहाडिय़ों के नीचे इंजीनियरिंग का चमत्कार!

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Dara Tunnel
Dara Tunnel

कोटा. Dara Tunnel in Kota: राजस्थान-दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के रास्ते में पडऩे वाली देश की सबसे लंबी 8-लेन सडक़ सुरंग (टनल) अब लगभग तैयार हो चुकी है। कोटा जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नीचे से गुजर रही इस 4.9 किलोमीटर लंबी डबल ट्यूब टनल की दोनों ओर से खुदाई पूरी हो चुकी है, यानी टनल अब पूरी तरह “आर-पार” हो चुकी है। यह न सिर्फ इंजीनियरिंग की एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि आने वाले समय में राजस्थान को देश के सबसे उन्नत ट्रांसपोर्ट हब्स में बदलने वाला है।

दोनों ट्यूब का ब्रेकथ्रू पूरा-इतिहास रचने की ओर एक और कदम

गुरुवार को इस सुरंग के दूसरी ट्यूब का ब्रेकथ्रू समारोह हुआ, जिसमें बड़ी मशीनों के जरिए अंतिम दीवार को गिराया गया। 28 फरवरी को पहली ट्यूब का ब्रेकथ्रू पूरा हो चुका था। इस ऐतिहासिक मौके पर हृ॥्रढ्ढ कोटा प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल, निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह राठौड़, इंजीनियरों और मजदूरों ने मिलकर तिरंगा लहराकर इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया।

टनल का विस्तार – सिर्फ लंबाई नहीं, तकनीक में भी सबसे आगे
  • लंबाई: कुल 4.9 किलोमीटर
  • वर्तमान चौड़ाई: 9 मीटर, जिसे बढ़ाकर 19 मीटर किया जाएगा
  • ऊंचाई: 8 मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर
  • अंतिम चौड़ाई: एक ट्यूब की 21 मीटर तक जाएगी
  • लोकेशन: टनल की शुरुआत मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की सीमा से पहले, और अंत रिजर्व के 500 मीटर आगे – जिससे वन्यजीवों का आवास बना रहे।
आधुनिक निर्माण तकनीक-न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड का इस्तेमाल

टनल का निर्माण एनएटीएम तकनीक से हो रहा है, जिसे दुनिया की सबसे भरोसेमंद सुरंग निर्माण तकनीकों में गिना जाता है। पहाड़ी इलाकों में कच्चे पत्थर और कमजोर चट्टानों की वजह से खुदाई और निर्माण को एक साथ किया गया, जिससे काम की गति थोड़ी धीमी पड़ी, लेकिन सुरक्षा और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं हुआ। पहले यह टनल जनवरी 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसे दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा। जनवरी 2026 से इस पर आम ट्रैफिक शुरू होने की संभावना है।

क्या बनाता है इस टनल को खास?

आपातकालीन लिंक 12 जगहों से दोनों ट्यूबों को जोड़ा गया है, ताकि जरूरत पडऩे पर सुरक्षित निकासी हो सके
वेंटिलेशन सिस्टम ऑक्सीजन की सप्लाई और वायु प्रवाह के लिए 104 जेट फैन लगाए जाएंगे
पॉल्यूशन मॉनिटरिंग जहरीली गैसों की पहचान के लिए अत्याधुनिक सेंसर
ऑटोमैटिक तकनीक टनल में विश्वस्तरीय स्वचालित नियंत्रण प्रणाली होगी
सुरक्षा उपाय सीसीटीवी, अग्नि सुरक्षा, और इमरजेंसी एग्जिट पूरी योजना का हिस्सा

प्राकृतिक आवास की सुरक्षा बनी प्राथमिकता

यह टनल एक अनोखी मिसाल भी है- इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण के बीच संतुलन की। टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने के बावजूद इस सुरंग को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वन्यजीवों का आवास पूरी तरह सुरक्षित रहे।

सिर्फ राजस्थान नहीं, पूरे भारत के लिए ‘एक्सप्रेस’ रास्ता

इस टनल के चालू हो जाने से कोटा, बूंदी और आसपास के क्षेत्रों की लॉजिस्टिक क्षमता में जबरदस्त उछाल आएगा। दिल्ली से मुंबई की दूरी और समय दोनों में कटौती होगी। साथ ही, मुकुंदरा जैसे संवेदनशील इलाकों में भारी ट्रैफिक को सुरंग से डायवर्ट कर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

क्या है आगे का प्लान?
  • दिसंबर 2025 तक टनल का फाइनल निर्माण कार्य पूरा करना
  • जनवरी 2026 से आम ट्रैफिक के लिए खोलना
  • एक्सप्रेसवे की रफ्तार और सुरक्षा दोनों को नई ऊंचाई पर ले जाना
“देश की सबसे लंबी 8-लेन टनल” – राजस्थान के लिए गर्व, भारत के लिए प्रेरणा

मुकुंदरा की पहाडिय़ों के नीचे से गुजरती यह टनल ना सिर्फ तकनीकी उत्कृष्टता की मिसाल है, बल्कि यह दिखाती है कि जब इरादा मजबूत हो, तो प्रकृति और प्रगति साथ चल सकते हैं। आने वाले समय में यह सुरंग ना सिर्फ रास्ते को छोटा बनाएगी, बल्कि विकास के रास्ते को बड़ा और बेहतर भी बनाएगी।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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