
नई दिल्ली.Daughters Day 2024: डॉटर्स डे हर साल 22 सितंबर को मनाया जाता है, जो बेटियों के प्रति समाज के नजरिए में बदलाव लाने का प्रतीक है। भारत में, बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाओं के माध्यम से बेटियों को आर्थिक सहायता और शिक्षा के अवसर प्रदान कर रही हैं। बेटियों की शिक्षा न केवल उनके जीवन को बदलती है बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। शिक्षित महिलाएं अपने परिवारों और समुदायों का नेतृत्व कर सकती हैं और देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। सरकार की ये योजनाएं बेटियों के जीवन में एक नई उम्मीद जगा रही हैं। हालांकि, अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। समाज को मिलकर बेटियों को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए काम करना होगा।
राजस्थान सरकार की मुख्य योजना
मुख्यमंत्री राजश्री योजना: राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राजश्री योजना चलाई जा रही है। इस योजना की शुरुआत 1 जून 2016 को बालिकाओं की बेहतर सोच और उनके शिक्षा स्तर को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की थी। इसमें जन्म से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के दौरान कन्याओं को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। राजस्थान की बेटियों को 6 किस्तों में 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं अब इस योजना को लाडो योजना में मिला दिया गया है। जहां राजश्री योजना के तहत बेटियों को पहले 50 हजार रुपए दिए जाते थे। अब इस योजना का भी लाभ ले रही बेटियों को लाडो योजना के तहत एक लाख रुपए मिलेंगे।
केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाएं
सुकन्या समृद्धि योजना: केंद्र सरकार ने भी बेटियों की शिक्षा के लिए कई योजनाएं चला रखी है। इनमें सुकन्या समृद्धि योजना एक है। जो एक स्मॉल सेविंग स्कीम है। इसके तहत बेटियों के जन्म से लेकर 10 साल तक निवेश कर सकते हैं। इस स्कीम का ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है। बेटी के 18 साल के होने पर ही इस योजना में से राशि निकाल सकते हैं। इस स्कीम का मैच्योरिटी टेन्योर 21 साल का होता है।
बालिका समृद्धि योजना: बालिका समृद्धि योजना सुकन्या समृद्धि योजना की तरह ही है। इसमें आपको बेटी के जन्म के बाद 500 रुपये की राशि देती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पोस्ट ऑफिस और बैंक में अकाउंट ओपन कर सकते हैं। इस योजना में भी सरकार की ओर से ब्याज दिया जाता है। इस योजना में निवेश की गई राशि को आप बेटी के 18 साल पूरे होने के बाद निकाला जा सकता है।
सीबीएससी उड़ान स्कीम: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत सीबीएससी उड़ान योजना शुरू की थी। यह योजना लड़कियों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराती है। साथ ही बेटियों को स्टडी मैटेरियल के साथ टैबलेट दिया जाता है, ताकि वे इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी पूरी कर पाएं।
अन्य राज्यों पर एक नजर
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार की माजी कन्या भाग्यश्री योजना BPL परिवारों की बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
तमिलनाडु: तमिलनाडु सरकार ने बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें छात्रवृत्ति योजनाएं, पोषण कार्यक्रम और स्वास्थ्य जांच शिविर शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार की कन्या सुमंगला योजना बालिकाओं के जन्म से लेकर विवाह तक आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान: यह अभियान लिंग अनुपात में सुधार लाने और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है।
ये है योजनाओं के लाभ
शिक्षा में वृद्धि: इन योजनाओं के कारण बालिकाओं का नामांकन और उत्तीर्ण प्रतिशत बढ़ा है।
स्वास्थ्य में सुधार: स्वास्थ्य जांच शिविरों और पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है।
समाज में बदलाव: इन योजनाओं के कारण समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव आया है।
आर्थिक सशक्तिकरण: आर्थिक सहायता के माध्यम से बालिकाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
चुनौतियां और समाधान
जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई लोग इन योजनाओं के बारे में जागरूक नहीं हैं।
भ्रष्टाचार: कुछ मामलों में इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिलती हैं।
समाजिक रुढ़िवादिता: समाज में कुछ रुढ़िवादी विचार अभी भी बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण में बाधा बनते हैं।
