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Dr. Manmohan Singh: मनमोहन सिंह से जुड़े 10 रोचक तथ्य: मिट्टी के तेल से जलते लैंप में पढ़ाई करने वाले नेता का अद्भुत सफर

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Dr. Manmohan Singh: 10 interesting facts related to Manmohan Singh: The amazing journey of the leader who studied in a kerosene lamp
नई दिल्ली. Dr. Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन एक प्रेरणा है। उनके कठिन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्र के प्रति योगदान ने उन्हें इतिहास में एक खास स्थान दिलाया। 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में जन्मे डॉ. सिंह ने बचपन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में।
1. विभाजन की त्रासदी और संघर्ष की शुरुआत
मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के गाह गांव में हुआ था, जो विभाजन के समय भारत से अलग हो गया। उनके परिवार ने इस भयानक त्रासदी को झेला और बाद में भारत आकर बस गए। उन्होंने अपना अधिकांश समय अपनी दादी के साथ बिताया, क्योंकि बहुत कम उम्र में उनकी माँ का निधन हो गया था।
2. गांव में नहीं थी बिजली, लैंप के नीचे पढ़ाई
मनमोहन सिंह के बचपन में उनके गांव में बिजली की सुविधा नहीं थी। ऐसे में वह मिट्टी के तेल से जलने वाले लैंप की रोशनी में पढ़ाई करते थे। उनके लिए यह कठिनाइयों से भरा समय था, लेकिन उन्होंने इस परिस्थिति का सामना करते हुए अपनी शिक्षा जारी रखी।
3. शिक्षा: भारत से लेकर कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड तक
मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर के हिंदू कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से बैचलर और मास्टर डिग्री प्राप्त की। 1957 में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स डिग्री प्राप्त की। बाद में, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री हासिल की।
4. भारत के विकास में प्रमुख भूमिका
मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और योजना आयोग जैसे संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनका योगदान भारतीय आर्थिक सुधारों के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।
5. संयुक्त राष्ट्र में कार्यकाल
1966 से 1969 तक मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) में काम किया। इसके बाद, वे विदेश व्यापार मंत्रालय में सलाहकार बने, जहां उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6. वित्त मंत्रालय में अहम पदों पर कार्य
मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करना शुरू किया। 1976 में, वह वित्त मंत्रालय में सचिव बने। इसके बाद, 1982 में उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया।
7. भारत के वित्त मंत्री: 1991 का ऐतिहासिक वर्ष
1991 में, मनमोहन सिंह को पी.वी. नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। यह वह समय था जब उन्होंने भारत के आर्थिक उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए और देश को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई।
8. भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने
22 मई 2004 को, डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक और राजनीतिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
9. सम्मान और पुरस्कार
मनमोहन सिंह को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले। 1987 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया। 1993 में, यूरोमनी और एशियामनी ने उन्हें ‘वर्ष के वित्त मंत्री’ के रूप में सम्मानित किया। 2005 में, टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया के टॉप 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया।
10. संसदीय कार्यकाल और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह 1991 में राज्यसभा के सदस्य बने और इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में फिर से चुने गए। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं को लागू किया, जिनका आज भी प्रभाव देखा जाता है।
मनमोहन सिंह का जीवन
मनमोहन सिंह का जीवन संघर्ष, धैर्य और निष्ठा का प्रतीक रहा है। उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी कड़ी मेहनत और दृष्टिकोण ने उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे सम्मानित नेताओं में शामिल किया।
नम्रता और बुद्धिमत्ता
मनमोहन सिंह की नम्रता, बुद्धिमत्ता और समर्पण ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान दिलाया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और वे भारतीय राजनीति में एक प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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