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Election Comission Of India: चुनाव की पाठशाला: दिल्ली में पश्चिम बंगाल के 231 अधिकारियों को मिला विशेष प्रशिक्षण, मीडिया समन्वय भी एजेंडे में

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Election Comssion Meeting- AI Genreted Photo
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नई दिल्ली. Election Comission Of India: भारत निर्वाचन आयोग ने देश की चुनावी व्यवस्था को और अधिक मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए पश्चिम बंगाल के 231 चुनाव अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देने का सिलसिला शुरू किया है। दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट में दो दिवसीय यह राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार से आरंभ हुआ।

इस प्रशिक्षण सत्र में शामिल हुए 2 जिला निर्वाचन अधिकारी, 12 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 217 बूथ लेवल अधिकारी- जो चुनावी व्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। यह पहल चुनावी अधिकारियों को जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक प्रशिक्षित करने की उस योजना का हिस्सा है, जिसकी रूपरेखा भारत निर्वाचन आयोग ने 4 मार्च को मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन में तैयार की थी।

मिशन: चुनावी दक्षता और पारदर्शिता

इस व्यापक प्रशिक्षण अभियान का मकसद सिर्फ प्रक्रियात्मक जानकारी देना नहीं, बल्कि चुनाव से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों, तकनीकी अपडेट्स और समन्वय कौशल को और धार देना है। अधिकारियों को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, और चुनाव संचालन नियम 1961 जैसी कानूनी व्यवस्थाओं से अवगत कराया जा रहा है।

डिजिटल युग में मीडिया की भूमिका पर भी खास फोकस

इसी दिन, आयोग ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया विशेषज्ञों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए भी एक विशेष ओरिएंटेशन सत्र का आयोजन किया। इसका उद्देश्य था- बदलते मीडिया परिदृश्य में सही जानकारी का प्रसार, फेक न्यूज़ का प्रभावी खंडन और चुनावी जागरूकता बढ़ाने के लिए सशक्त रणनीति बनाना।

राजस्थान समेत 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने इस सत्र में हिस्सा लिया। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पारंपरिक मीडिया के माध्यम से सही सूचना समय पर जनता तक पहुंचाई जा सकती है।

सीईसी ज्ञानेश कुमार का संदेश: “विश्वास है तो चुनाव है”

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर मीडिया अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि “डिजिटल सूचना के युग में चुनावी प्रक्रिया पर मतदाताओं का विश्वास कायम रखना अत्यंत आवश्यक है। यह तभी संभव है जब चुनाव से जुड़ी सूचनाएं समय पर, सत्य और पारदर्शी रूप से साझा की जाएं।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मीडिया अधिकारियों को हर समय सतर्क रहते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि गलत जानकारी फैलने से पहले रोकी जाए, और हर मतदाता तक विश्वसनीय सूचना पहुंचे।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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