
जयपुर. ERCP In Rajasthan: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दृढ़ नेतृत्व में, राजस्थान सरकार पूर्वी राजस्थान में पेयजल संकट को दूर करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रही है। संशोधित पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना (ERCP) के तहत जल उपलब्धता को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार पूर्ण पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ काम कर रही है। यह परियोजना न केवल 17 जिलों में पेयजल की समस्या को हल करेगी, बल्कि जल स्रोतों की सुदृढ़ता भी सुनिश्चित करेगी। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि ईआरसीपी परियोजना के पैकेज 1 के तहत रामगढ़ और महलपुर बैराज के निर्माण कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। यह परियोजना इन दो बैराजों के निर्माण से लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी।
किसानों की भूमि पर सरकार का ध्यान
इस परियोजना के तहत 8 गांवों की लगभग 168 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, और सरकार ने इसके लिए मुआवजा राशि का भुगतान शीघ्र करने का आश्वासन दिया है। इससे प्रभावित किसान और परिवार जल्द ही अपनी भूमि का मुआवजा प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, वन्य भूमि प्रत्यावर्तन के लिए 1700 हेक्टेयर गैर-वन भूमि पहले ही आरक्षित की जा चुकी है, जिससे वन्य जीवन और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।
सुनिश्चित किया जाएगा पुनर्वास
परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। विशेष रूप से, कोयला गांव (बारां तहसील) में 34 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की जा चुकी है, जहां पुनर्वास की योजना के तहत परिवारों को पुनस्र्थापित किया जाएगा।
पेयजल से जुड़े आंकड़े: रामगढ़ और महलपुर बैराज
- रामगढ़ बैराज: 138 एमसीएफटी जल पेयजल आपूर्ति के लिए आरक्षित।
- महलपुर बैराज: 266 एमसीएफटी जल पेयजल आपूर्ति के लिए आरक्षित।
- औद्योगिक और स्थानीय आवश्यकताओं के लिए: 353 एमसीएफटी जल आरक्षित किया जाएगा।
समय सीमा और सरकार की प्रतिबद्धता
जल संसाधन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 2028 से पहले यह सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे और पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों में जल की कोई भी समस्या नहीं रहेगी। ईआरसीपी परियोजना न केवल जल संकट का स्थायी समाधान देगी, बल्कि स्थानीय विकास को भी गति प्रदान करेगी।
राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता राजस्थान के प्रत्येक नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, जिससे स्वच्छ जल के बिना जीवन की कल्पना भी असंभव होगी। जल जीवन मिशन को मजबूती देने वाली यह परियोजना राजस्थान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में नया मुकाम हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह परियोजना ना सिर्फ जल संकट का समाधान करेगी, बल्कि प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊंचा करेगी, जिससे पूरे राजस्थान में समृद्धि और विकास की नयी लहर आएगी।
