
नई दिल्ली. First Republic Day: भारत ने 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन एक स्वतंत्र और संप्रभु गणराज्य बनने का सपना 26 जनवरी 1950 को साकार हुआ। इसी दिन भारतीय संविधान लागू हुआ और देश ने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया। इस लेख में हम जानेंगे कि पहले गणतंत्र दिवस का उत्सव किस प्रकार मनाया गया और उस समय कौन-कौन सी विशेष घटनाएँ हुईं। भारत के पहले गवर्नर-जनरल, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत को संप्रभु गणराज्य घोषित किया। इसके छह मिनट बाद, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति को तोप की सलामी दी गई, जो आज भी गणतंत्र दिवस के उत्सव का अभिन्न हिस्सा है।
भारत के पहले गणतंत्र दिवस के रोचक तथ्य
-
- पहले गणतंत्र दिवस की परेड दिल्ली के इर्विन स्टेडियम (अब राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित की गई थी।
- उस समय स्टेडियम के चारों ओर बाड़ नहीं थी, जिससे पुराना किला साफ़ तौर पर दिखता था।
- परेड का आयोजन सुबह के बजाय दोपहर 2:30 बजे हुआ था।
- राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद विशेष सजे-धजे रथ में सवार होकर शाम 3:45 बजे इर्विन स्टेडियम पहुंचे, रास्ते में उन्होंने कन्नाट प्लेस से यात्रा की।
- पहले गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों सेना शाखाओं ने भाग लिया था।
- परेड में 3,000 सैनिकों और 100 विमान शामिल थे।
- डकोटा और स्पिटफायर जैसे विमान ने उड़ान भरकर इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया।
- जनरल फील्ड मार्शल करियप्पा ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “आज हम स्वतंत्र हैं, आप स्वतंत्र हैं और हमारा कुत्ता भी स्वतंत्र है।” उनके शब्दों ने हर भारतीय के दिल में जोश भर दिया।
- पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकार्नो मुख्य अतिथि थे। इस दिन राष्ट्रपति ने इर्विन स्टेडियम में तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
#WATCH | The Indian Air Force presents fly-past during the 76th #RepublicDay🇮🇳 Parade on Kartavya Path.
(Visuals of Vajraang Formation consisting of 6 Rafale ac will fly in ‘Vajraang’ Formation)
(Source: DD News) pic.twitter.com/ncq4AQUoFq
— ANI (@ANI) January 26, 2025
पहले गणतंत्र दिवस पर 31 तोपों की सलामी दी गई थी, जिसे बाद में 21 तक सीमित कर दिया गया। फ्लाईपास्ट ने इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया। गणतंत्र दिवस के दौरान चांदनी चौक के हलवाई घंटेवाला ने इलाके भर में मिठाइयाँ वितरित कीं। लाला मंदिर से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक पूरी क्षेत्र को तिरंगे और फूलों से सजाया गया था। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरुद्वारा, सीसगंज और बंगला साहिब में लंगर का आयोजन भी हुआ था।
