
जयपुर. Give Up Abhiyan: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक ने एक बार फिर राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा योजनाओं में हो रही प्रगति को उजागर किया। इस बैठक में विशेष रूप से गिव अप अभियान का उल्लेख हुआ, जिसके तहत अब तक 17.52 लाख अपात्र लोगों ने खाद्य सुरक्षा से बाहर होकर सरकारी खजाने में 324 करोड़ रुपये की बचत की है। साथ ही, खाद्य सुरक्षा पोर्टल के पुन: प्रारंभ होने से अब तक 19.70 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं।
मंत्री गोदारा ने इस मौके पर कहा, “हमारे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार वंचित वर्गों को उनका अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि हर अंतिम व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचे।” उन्होंने अधिकारियों को फील्ड विजिट करने और योजनाओं की प्रगति का नियमित फीडबैक लेने के निर्देश दिए ताकि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
‘गिव अप’ अभियान: 17.52 लाख अपात्रों ने छोड़ी खाद्य सुरक्षा, करोड़ों की बचत
मंत्री गोदारा ने बताया कि पिछले साल शुरू किए गए गिव अप अभियान के तहत अब तक 17.52 लाख ऐसे लोग सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी खाद्य सुरक्षा सब्सिडी छोड़ दी है। इस कदम से सरकार को सालाना 324 करोड़ रुपये की बचत हो रही है, जिसका इस्तेमाल अब राज्य के वास्तविक हकदारों तक खाद्य सुरक्षा पहुंचाने में किया जा सकेगा। इसके अलावा, जो लोग अब एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) से बाहर होंगे, वे मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना का लाभ भी नहीं ले सकेंगे। इससे बचे हुए अन्न का वितरण वंचित वर्गों के बीच किया जाएगा।
ई-केवाईसी से खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों का पंजीकरण: 27 लाख नाम हटाए
गोदारा ने इस बैठक में बताया कि राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। हालांकि, 31 मार्च तक ई-केवाईसी पूरी नहीं करने वाले 27 लाख लाभार्थियों का नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया गया है। इस कदम से सरकार को अधिकाधिक वास्तविक हकदारों को जोडऩे का अवसर मिला है।
इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा पोर्टल के पुन: प्रारंभ होने के बाद अब तक 19.70 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। पिछली सरकार के कार्यकाल में 12.95 लाख नए लाभार्थियों को शामिल किया गया था, जिससे राज्य सरकार की वंचित वर्गों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को और बल मिला है।
विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी
मंत्री गोदारा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे राशन वितरण में अनियमितताओं की जांच करें और राशन डीलरों पर उचित कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि गिव अप अभियान में सक्षम लोगों को भाग लेने के लिए प्रेरित करें, ताकि और अधिक बचत हो सके और वो सब्सिडी उन लोगों तक पहुंच सके, जिनके लिए यह योजनाएं बनाई गई हैं। साथ ही, जन जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया ताकि लोग खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
‘गिव अप’ अभियान को सफलता दिलाने में निभाएं भूमिका
बैठक के दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने कहा, “संपन्न लोगों का यह कर्तव्य बनता है कि वे खाद्य सब्सिडी छोड़ें, ताकि वह बची हुई राशि वंचितों तक पहुंच सके। हर सक्षम व्यक्ति को ‘गिव अप’ अभियान में भाग लेकर इस पुनीत कार्य में योगदान देना चाहिए।” वहीं, हवा महल विधायक बालमुकुंदाचार्य ने राशन दुकानों पर जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में प्रचार प्रसार की आवश्यकता जताई, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे। आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने राशन वितरण में पारदर्शिता और समस्याओं के त्वरित समाधान की बात की।
राज्य सरकार की नीतियों से हो रही बेहतरी
यह बैठक राज्य सरकार की योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम कदम है। मंत्री गोदारा ने कहा, “राज्य सरकार की वंचित वर्गों के कल्याण हेतु प्रतिबद्धता को रेखांकित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना और ‘मां योजना’ के तहत नि:शुल्क उपचार जैसे कदम यह दर्शाते हैं कि राज्य सरकार अपने हर नागरिक के कल्याण के लिए काम कर रही है।”
