
नई दिल्ली. Gold Rate Today: वैश्विक बाजारों में छाई अनिश्चितता और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की बढ़ती आहट के बीच सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमतों में ऐसा उछाल देखा गया कि यह पहली बार ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर गई। सोने की यह चमक न सिर्फ निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान लेकर आई, बल्कि अर्थव्यवस्था में जारी हलचल की भी एक अहम तस्वीर पेश की।
क्या हुआ बाजार में?
अगस्त डिलीवरी वाला सोने का अनुबंध मंगलवार को ₹2,048 या 2.1त्न की जबरदस्त छलांग के साथ ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं अक्टूबर अनुबंध ने इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए ₹2,016 की तेजी के साथ ₹1,00,500 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड स्तर छू लिया।
सबसे अधिक कारोबार वाले जून अनुबंध ने भी बाजी मारी और ₹2,079 या 2.14त्न की बढ़त के साथ ₹99,358 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं अगस्त अनुबंध ने ₹1,848 की बढ़त के साथ ₹99,800 का आंकड़ा छुआ, तो अक्टूबर का एक और अनुबंध ₹2,000 की छलांग लगाते हुए ₹1,00,484 प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की चमक
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना वायदा $3,504.12 प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक गया, हालांकि बाद में यह $3,490.72 प्रति औंस पर आ गया, जो कि 1.91त्न की बढ़त है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व में बदलाव की योजना और ब्याज दरों पर दबाव बनाने की रणनीति ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर मोड़ा है।
विश्लेषकों की राय: क्यों चमका सोना?
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने सोने की ओर रुख किया है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व को लेकर बनी असमंजस की स्थिति ने सोने को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।”
पर्दे के पीछे क्या हो रहा है?
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीच ब्याज दरों को लेकर गहरा मतभेद।
- ट्रंप प्रशासन की तरफ से ब्याज दरों में कटौती का दबाव।
- डॉलर इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने संकेत दिए हैं कि ट्रंप फेड चेयरमैन को हटाने पर विचार कर सकते हैं।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है ये उछाल?
बाजार में अस्थिरता और डॉलर की कमजोरी के चलते सोना एक बार फिर “सुरक्षित निवेश” के रूप में उभरा है। अगर वैश्विक परिस्थितियां ऐसे ही बनी रहीं, तो सोने की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है।
