
नई दिल्ली. Good News For PhD Students: उच्च शिक्षा में रिसर्च को बढ़ावा देने को लेकर कवायद शुरू की गई है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में यदि स्टूडेंट का नेचर या साइंस एकेडमिक जर्नल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन या हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसे जर्नल्स में शोध प्रकाशित होता है तो विश्वविद्यालय की ओर से उसे 2 लाख रुपये दिए जायेंगे। यह एक प्रकार की प्रोत्साहन राशि होगी। गौरतलब है कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय NIRF रैंकिंग में टॉप 100 में आता है।
विश्वविद्यालय ने की समिति गठित
विद्या परिषद, वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड, तीनों समितियों की ओर से मुहर लगाए जाने के बाद इसे मूर्त रूप मिल जाएगा। एनआईआरएफ और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान बनाने के लिए रिसर्च पब्लिकेशन और पेटेंट का अहम योगदान है। इसी को ध्यान में रखते हुए कुलपति ने करीब डेढ़ माह पहले डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. वीके गिरी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में प्रो. विह्वल एल गोले, प्रो. बीके पांडेय, प्रो. जीऊत सिंह और उप कुलसचिव देवेंद्र गोस्वामी शामिल थे। समिति को यह निर्धारित करना था कि प्रोत्साहन के लिए स्तरीय शोध प्रकाशन पर कितनी प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है। कई बैठक के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंपी।
मिलेगा आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड
समिति की सिफारिशों के मुताबिक, नेचर, साइंस एकेडमिक जर्नल ऑफ अमेरिकन एसोसिएशन और हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित जर्नल्स को कैटेगरी 1 में रखा है। इसमें प्रकाशन पर आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड दिया जाएगा। इसके तहत 2 लाख रुपये इंसेंटिव मिलेगा।
इस प्रकार दी जायेगी प्रोत्साहन राशि
यूएसए, यूके पेटेंट पर भी इंसेंटिव यूएसए और यूके ग्रांटेड पेटेंट पर भी 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की सिफारिश की है। इसके अलावा अन्य प्रतिष्ठित दूसरे देशों या भारत से मिले पेटेंट पर 25 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सरकारी परियोजनाओं पर भी इंसेंटिव सरकारी एजेंसियों से 1 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट लाने पर 50 हजार रुपये इंसेंटिव की योजना है। दस लाख से एक करोड़ रुपये तक की परियोजना तक 10 हजार रुपये इंसेंटिव दिया जायेगा।
