
नई दिल्ली. Growing Challenge for India: पाकिस्तान की सेना 53 साल बाद बांग्लादेश में अपनी वापसी की तैयारी कर रही है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर चिंता की लहर दौड़ गई है। 1971 में पूर्व पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से बाहर निकाले जाने के बाद यह पहली बार होगा जब पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी बांग्लादेश का दौरा करेंगे। खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन जनरल साहीर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश को सैन्य प्रशिक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजे हैं। उन्होंने बांग्लादेश के प्रमुख सैन्य संस्थानों का दौरा करने की इच्छा जताई है, साथ ही बांग्लादेश आर्मी स्टाफ कॉलेज में युवा अधिकारियों को संबोधित करने का प्रस्ताव भी रखा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, हालांकि दौरे की तिथियों की घोषणा अभी बाकी है।
नौसैनिक अभ्यास और बढ़ती रणनीतिक साझेदारी
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को लेकर एक और बड़ा कदम सामने आया है। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने और मोहम्मद यूनूस के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में घनिष्ठता आई है। 2022 में, शेख हसीना ने पाकिस्तानी युद्धपोत PNS तैमूर को चटगांव बंदरगाह पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब बांग्लादेश पाकिस्तानी नौसेना के साथ बंगाल की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने के लिए तैयार है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान के साथ AMAN 2025 बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने के लिए तैयार है, जो फरवरी 2025 में कराची में आयोजित होगा। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) ने इसे भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय बताते हुए कहा, “बांग्लादेश के वर्तमान नेतृत्व के तहत पाकिस्तान के प्रति झुकाव बढ़ता जा रहा है, जो भारत के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकता है।”
पाकिस्तान का बढ़ता प्रभाव और बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति
दूसरी ओर, बांग्लादेश के आर्थिक संकट ने इसे पाकिस्तान के करीब ला दिया है। पाकिस्तानी सरकार बांग्लादेश पर अपना दबाव फिर से बढ़ाने में सफल होती दिख रही है, खासकर 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ने वाले देश के बाद भी। अब बांग्लादेश पाकिस्तान से रणनीतिक संबंधों को नया आकार दे रहा है।
हाल ही में, ढाका और इस्लामाबाद के बीच उड़ानों का निलंबन समाप्त हो गया है, और बांग्लादेश ने पाकिस्तान के लिए वीजा नियमों में छूट देने का फैसला लिया है। इस बदलाव से पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
भारत की चिंता
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बढ़ते सैन्य और रणनीतिक रिश्ते भारत के लिए गंभीर चिंता का कारण बनते हैं। भारत पहले ही बांग्लादेश में पाकिस्तान के बढ़ते प्रभाव को लेकर आशंका व्यक्त कर चुका है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अब पाकिस्तान, बांग्लादेश में अपने प्रभाव को और मजबूत करेगा और यह स्थिति भारत के लिए सामरिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
इस विकास से दक्षिण एशिया में एक नया भू-राजनीतिक संकट उत्पन्न होने की संभावना है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
