sanskritiias

Heavy rainfall in Churu: जैसे ही खेतों में पहुंचे झाझडिय़ा, फूट फूट कर रो पड़े किसान, जाने क्या है मामला, देखें VIDEO

Share this post

Heavy rainfall
खेतों में निरीक्षण करते देवेंद्र झाझडिया

चूरू(राजस्थान). Heavy rainfall in Churu:  जिले में शुक्रवार रात किसानों के लिए कितनी भारी होगी ये किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था, प्रकृति की मार ऐसी पड़ी कि अत्यधिक अतिवृष्टि ने किसानों की उम्मीदें चकनाचूर  हो गई। लाखों  रुपए खर्च कर खेतों में फसलें उगाई और अतिवृष्टि ने सबकुछ चंद मिनटों में ही तबाह कर दिया। दरअसल ये पीड़ा उन किसानों की हैं जिन्होंने मेहनत की और बर्बादी मंजर भी चंद मिनटों में अपनी आंखों के सामने देखा। बर्बादी का का हाल जानने के लिए जब शनिवार सुबह जब पद्मभूषण देवेंद्र झाझडिय़ा, जो पैरा ओलंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी हैं, राजगढ़ क्षेत्र के विभिन्न गांवों के खेतों में पहुंचे तो किसान फूट –फूट कर रोने लगे। झाझडिया ने अधिकारियों के साथ खेतों का अवलोकन किया और फसल खराबे का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।

Heavy rainfall
खेतों का अवलोकन करते देवेंद्र झाझडिया

झाझडिय़ा ने इस दुखद परिस्थिति का गहराई से निरीक्षण किया और कई गांवों के खेतों में जाकर चने और सरसों की फसलों में हुए नुकसान का जायजा लिया। वह जयपुरिया खालसा, देवीपुरा, मीठड़ी, कालोड़ी सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे, जहां किसानों ने अपनी बर्बादी की कहानियां सुनाईं।

देखें किसान की हालत 
केंद्र और राज्य सरकार के सामने करूंगा मजबूत पैरवी

इस दौरान किसानों से बातचीत करते हुए देवेंद्र झाझडिय़ा ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा, “कुदरत के सामने किसी का बस नहीं चलता, लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं केंद्र और राज्य सरकार के सामने किसानों का पक्ष मजबूती से रखूंगा। हमारा प्रयास रहेगा कि किसानों को हुए नुकसान का उचित और अधिकतम मुआवजा मिले।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा से भी इस मामले में चर्चा की और किसानों को राहत प्रदान करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का आग्रह किया है।

किसान बोला, 60 बीघा में चने की खेती हो गई नष्ट 

इस अवसर पर एसडीएम मीनू वर्मा भी मौजूद थीं, जिन्हें देवेंद्र ने निर्देशित किया कि वे नुकसान का सही आकलन कर समयबद्ध तरीके से रिपोर्टिंग करें, ताकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके। जब देवेंद्र झाझडिय़ा खेतों में पहुंचे, तो किसान राजेंद्र ढाका की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ढाका ने बताया कि उन्होंने 60 बीघा में चने की खेती की थी, लेकिन अब उसकी पूरी फसल नष्ट हो गई है। “कुछ भी नहीं बचा, खेतों में जो था, सब खत्म हो गया है,” ढाका की आवाज में दर्द छलक रहा था। देवेंद्र झाझडिय़ा ने इस दुखद दृश्य को देखा और कहा, “किसानों की हालत इतनी खराब है कि वे खुद अपनी फसल देखकर वापस खेतों से उठ भी नहीं पा रहे हैं।”

दौरे में ये रहे साथ

इस दौरान कई अन्य किसान भी अपनी समस्याओं को साझा करने पहुंचे। किसान सुमेर सूरा, रोहताश जडिय़ा, महावीर जडिय़ा, श्योकरण जडिय़ा, रतन जडिय़ा, पृथ्वी सूरा, सतवीर जडिय़ा, ओम पूनिया, श्याम सुख सूरा, शीशराम ढाका, नौरंग ढाका, शुभराम पूनिया, दलीप झाझडिय़ा, राजकुमार, जितेंद्र, हवासिंह, दलीप, राजकुमार झाझडिय़ा और अन्य ने भी अपनी फसलों में हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी और सहायता की अपील की।

झाझडिया से उम्मीद 

इस पूरे घटनाक्रम ने सभी को यह एहसास दिलाया कि हमारी किसानी मेहनत और संघर्ष की पहचान है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान विवश हो जाता है। देवेंद्र झाझडिया का यह कदम किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है, और उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि वह हर संभव प्रयास करेंगे ताकि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई मिल सके।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

Leave a Comment

ख़ास ख़बरें

ताजातरीन

best news portal development company in india