
नई दिल्ली. hydrogen train: भारतीय रेलवे ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को घोषणा की कि भारतीय रेलवे ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाला ट्रेन इंजन विकसित किया है। यह इंजन अपने उच्च हॉर्सपावर के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह बयान मंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के “ग्रीन कनेक्शंस: डायस्पोरा का सतत विकास में योगदान” सत्र के दौरान दिया। इस हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन का उद्देश्य पर्यावरणीय परिवहन तकनीकी को बढ़ावा देना है, साथ ही यह भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रेलवे मंत्रालय ने 35 हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित ट्रेनों के निर्माण के लिए 2,800 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में केवल चार देशों के पास ऐसी तकनीक है, जो हाइड्रोजन ट्रेन इंजन का निर्माण करती हैं, और ये इंजन 500 से 600 हॉर्सपावर तक उत्पादन करते हैं। जबकि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित यह इंजन 1,200 हॉर्सपावर का उत्पादन करता है, जो इस श्रेणी में सबसे उच्चतम है। इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि इस तकनीक का परीक्षण जल्द ही हरियाणा के जिन्द-सोनीपत रूट पर किया जाएगा। उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन के तहत यह पहली हाइड्रोजन ट्रेन 89 किलोमीटर लंबी जिन्द-सोनीपत खंड पर चलने के लिए तैयार है।
🚆 Bharat’s Hydrogen train – 1200 HP capacity.
Developed by our engineers, our talent. pic.twitter.com/X5YMO0zHdz
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 9, 2025
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इंजन का निर्माण पूरा हो चुका है और अब इसके सिस्टम इंटीग्रेशन का काम चल रहा है। इस तकनीकी विकास से भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और देश को विभिन्न नए उत्पादों और सेवाओं के निर्माण में सहायता मिलेगी। मंत्री ने कहा, “जब हम हाइड्रोजन से चलने वाले इंजन का निर्माण कर सकते हैं, तो इसे अन्य क्षेत्रों जैसे ट्रकों और टगबोट्स के लिए भी अनुकूलित किया जा सकता है।”
भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह तकनीकी सफलता देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में और करीब ले जाती है। आने वाले वर्षों में, भारत की हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक न केवल रेलवे बल्कि अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। भारतीय रेलवे की पहली हाइड्रोजन ट्रेन 2025-26 तक लांच होने की उम्मीद है, और इसके ट्रायल रन की शुरुआत इस साल के अंत तक होने की संभावना है।
