
इंफाल. India Myanmar Border : भारत ने मणिपुर के मोरेह में भारत-म्यांमार सीमा पर 9.214 किमी लंबी बाड़बंदी परियोजना सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। इस परियोजना का उद्देश्य सीमा की सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध सीमा पार गतिविधियों को नियंत्रित करना और क्षेत्र में गश्त को बेहतर बनाना है। इसके साथ ही, बाड़ के समानांतर सड़क निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे क्षेत्र में आवागमन को सरल और सुरक्षित बनाया जा सके। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2023-2024 के अनुसार, “मणिपुर के मोरेह में 9.214 किमी लंबी सीमा बाड़बंदी का निर्माण, जिसे सीमा सड़क संगठन (BRO) को सौंपा गया था, अब पूरा हो चुका है और बाड़ के साथ सड़क निर्माण का कार्य भी जारी है।”
भारत-म्यांमार सीमा 1,600 किमी से अधिक लंबी है, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम से गुजरती है। यह सीमा तस्करी, अवैध प्रवास और उग्रवाद जैसी समस्याओं का गढ़ रही है। मोरेह, जो एक महत्वपूर्ण सीमा शहर और व्यापारिक केंद्र है, भारत के इस परियोजना का केंद्रीय बिंदु है, जो सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
भारत-म्यांमार सीमा की कुल लंबाई 1,643 किमी है, जिसमें से 1,472 किमी सीमा रेखा का निर्धारण हो चुका है। अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में एक-एक किमी की दूरी पर हाइब्रिड निगरानी प्रणाली के दो पायलट प्रोजेक्ट्स असम राइफल्स को सौंपे गए हैं, जिन पर कार्य चल रहा है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि फरवरी 2024 में सीमा सड़क संगठन (BRO) को 20.862 किमी लंबी बाड़बंदी और सड़क निर्माण का कार्य सौंपा गया है, और यह कार्य भी प्रगति पर है।
