
India-Pakistan War: 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुडऩे की आशंका के चलते भारत ने सख्त कदम उठाए हैं-सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, पाकिस्तानी जहाजों पर पाबंदी, और आयात-निर्यात पर पूरी रोक। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच सीमित सैन्य संघर्ष हो सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है: अगर जंग छिड़ती है, तो कौन किसके साथ खड़ा होगा? आइए जानते हैं पड़ोसी देशों का संभावित रुख—
चीन: छाया समर्थन, खुला हस्तक्षेप नहीं
चीन पारंपरिक रूप से पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोगी रहा है। लेकिन भारत के साथ उसके गहरे व्यापारिक संबंध हैं। ऐसे में युद्ध की स्थिति में चीन प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से बचते हुए पाकिस्तान को सीमित समर्थन दे सकता है-जैसे कूटनीतिक बयानबाज़ी या तकनीकी सहयोग।
बांगलादेश: बदले नेतृत्व में बदला रुख
पूर्ववर्ती शेख हसीना सरकार भारत की मित्र रही, लेकिन वर्तमान अंतरिम सरकार और प्रोफेसर मुहम्मद युनूस के नेतृत्व में रुख बदलता नजर आ रहा है। सेना के एक पूर्व जनरल के बयानों से भी संकेत मिलते हैं कि अगर पाकिस्तान भारत पर हमला करता है, तो बांगलादेश भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों पर दावा कर सकता है।
मालदीव: दक्षिण की छोटी शक्ति, भारत विरोधी सुर
मोहम्मद मुइज्जू की अगुआई में मालदीव पहले ही ‘इंडिया आउट’ अभियान चला चुका है। ऐसे में संघर्ष की स्थिति में मालदीव या तो पाकिस्तान के प्रति झुकाव दिखा सकता है या भारत के खिलाफ निष्क्रिय रवैया अपना सकता है।
श्रीलंका: कर्ज में डूबा, संतुलन साधेगा
भारत और चीन दोनों की मदद ले चुका श्रीलंका अपने आर्थिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। वह युद्ध में किसी पक्ष को खुला समर्थन देने से बचेगा और तटस्थ बने रहने की कोशिश करेगा।
भूटान: हिमालयी सहयोगी, भारत के साथ
भारत का घनिष्ठ मित्र रहा भूटान, सुरक्षा मामलों में भारत पर निर्भर रहा है। भले ही वह युद्ध में सक्रिय भाग न ले, लेकिन उसकी नैतिक और रणनीतिक निष्ठा भारत के पक्ष में रहेगी।
युद्ध की बिसात पर कौन कहां खड़ा?
- देश संभावित रुख
- चीन :पाकिस्तान समर्थक (सीमित)
- बांगलादेश :पाकिस्तान समर्थक (बदला रुख)
- मालदीव :भारत विरोधी या तटस्थ
- श्रीलंका : तटस्थ
- भूटान : भारत समर्थक
